script

Resident Doctors Work Boycott : डॉक्टर्स ने छोड़ा काम, अस्पतालों में मरीज हुए परेशान

locationजयपुरPublished: Oct 04, 2022 11:55:02 am

Submitted by:

HIMANSHU SHARMA

आज से रेजिडेंट डॉक्टर्स (resident doctors) का अस्पतालों में दो घंटे के कार्य बहिष्कार पर
जार्ड का सुबह 9 से 11 बजे तक रूटीन कार्य बहिष्कार करने का ऐलान

Doctor left work, patients got upset in the hospital

जिसके बाद डॉक्टर्स ने काम छोड़ा तो अस्पतालों मरीज परेशान हुए। जयपुर एसो.ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने मंगलवार सुबह 9 से 11 बजे तक रूटीन कार्य बहिष्कार(work boycott of doctors) किया।

इससे SMS मेडिकल कॉलेज से जुड़े व अन्य अस्पतालों में दो घंटे का तक कार्य प्रभावित रहा।

रेजिडेंट डॉक्टर्स दावा किया कि कार्य बहिष्कार में ICU और Emergency सेवाएं प्रभावित नहीं रहेगी। वहां पर डॉक्टर्स काम करते रहेंगे। हालांकि इस बहिष्कार से वार्ड मे और ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

ओपीडी में आने वाले मरीजों का रूटीन चैकअप रेजिडेंट डॉक्टर्स ने नहीं किया हैं। जार्ड के अध्यक्ष डॉ.नीरज डामोर ने बताया कि डॉक्टर्स की प्राथमिकता रहेगी कि मरीजों को परेशानी नहीं हो, इसलिए आइसीयू और इमरजेंसी में रेेजिडेंट्स काम करते रहेंगे।

वहीं जब तक सरकार का कोई प्रतिनिमंडल हमारे से बात नहीं कर लेता हैं,तब तक यह सांकेतिक रुप से कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

आपको बता दे कि गत दो दिनों से सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट्स डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे थे

रेजिडेंट्स का आरोप है कि 2 दिन तक सरकार के कई प्रतिनिधियों से बातचीत करने का प्रयास किया गया। लेकिन किसी ने नहीं सुनी तो जार्ड ने जनरल बॉडी की बैठक बुलाकर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया।

JARD के सभी प्रतिनिधि और सदस्यों के सहमत होने पर ही इस तरह से विरोध जताने का फैसला लिया गया हैं। हालांकि अभी भी यह सांकेतिक विरोध है। लेकिन अगर सरकार हमारी मांगे नहीं सुनती है तो रेजिडेंट डॉक्टर्स भविष्य में इससे भी सख्त कदम उठाएंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने आरोप लगाए है कि राज्य सरकार की बॉन्ड नीति अत्यंत जल्दबाजी अपारदर्शिता के साथ एवं अपरिपक्व तरीके से लाई गई है। सरकार दवारा बॉन्ड नीति की विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज में अभ्यर्थियों का बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के एसआर के पदों पर नियुक्त हो जाना, भ्रष्टाचार और धांधली है।

डॉक्टर्स ने मांग की है कि इस बॉन्ड नीति में इन सर्विस रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी समान अवसर प्रदान किए जाए और नीति की विसंगतियों को दूर करने एवं रुपरेखा तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाए। जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।

इसके तहत प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों से पीजी व सुपरस्पेशिलिटी काेर्स के बाद पांच साल की सरकारी सेवा की बाध्यता घटाकर दाे साल कर दी गई है। वहीं अन्य प्रावधान लागू किए गए है जो आमजन व डॉक्टर्स के हित में नहीं हैं।

https://youtu.be/eVN60C9mUfA

ट्रेंडिंग वीडियो