हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी काम पर नहीं लौटे – मंगलवार को हाईकोर्ट में हड़ताली डॉक्टरों को तत्काल डयूटी पर आने के आदेश दिए और नहीं आने पर अवमानना की कार्यवाही झेलने के आदेश भी दिए। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मंगलवार को साढे पांच हजार सेवारत चिकित्सक काम पर नहीं लौटे। जिससे अब विभाग के सरकारी अस्पतालों में वैकल्पिक इंतजाम भी धराशाई होने लगे हैं मरीज इलाज नहीं मिलने पर कराह रहे है।
मेडिकल कॉलेजों में इलाज ही हुआ बीमार – सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट भी हडताल पर चले जाने के कारण मेडिकल कॉलेजों में इलाज भी बीमार हो गया है। बडे आॅपरेशन धड़ाधड टाले जा रहे है और आउटडोर में मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है। हालांकि एसएमएस अस्पताल के धन्वंतरि आउटडोर में मेडिकल कॉलेज से नॉन क्लिनिकल चिकित्सकों की तैनाती की गई है और इंटर्न डॉक्टरों को वार्डों में लगाया जा रहा है।
रेजीडेंट भी नहीं आए – चेतावनी के बाद भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा यूएस अग्रवाल ने हड़ताल पर गए रेजीडेंटस को आज सुबह 9 बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी। लेकिन कोई भी रेजीडेंट सुबह 9 बजे तक काम पर नहीं लौटा। प्राचार्य डॉ यूएस अग्रवाल ने बताया कि सुबह 9 बजे तक अस्पतालों में रेजीडेंट की उपस्थिति नहीं दी है। सभी विभागों से सूचनाएं मंगा रहे हैं और डयूटी पर नहीं लौटने वाले रेजीडेंटस के खिलाफ कार्यवाही के लिए सरकार को लिखा जाएगा। एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन एसएमएस अस्पताल के आउटडोर में डॉक्टर काम पर लौटने को राजी नहीं हैं जिससे प्रदेश प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं और मेडिकल कॉलेजों में लगातार आॅपरेशन टाले जा रहे है।