डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे प्रदेश के अस्पतालों को कम से कम समय में अधिक से अधिक डॉक्टर उपलब्ध कराने में स्वास्थ्य विभाग सफल नहीं हो पा रहा है। हालांकि, जिलों में संविदा आधार पर भर्तियां की जा रही हैं। लेकिन आज भी डॉक्टरों को स्थाई भर्तियों का इंतजार है।
जानकारी के मुताबिक विभाग की ओर से हाल ही 73 चिकित्सा अधिकारियों के पदों पर भर्ती की तैयारी की है, लेकिन राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि. की बजाय अब यह भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से करवाई जाएगी।
जानकारी के मुताबिक विभाग की ओर से हाल ही 73 चिकित्सा अधिकारियों के पदों पर भर्ती की तैयारी की है, लेकिन राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि. की बजाय अब यह भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से करवाई जाएगी।
उधर, भर्ती का इंतजार कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि वे गांवों में सेवा देना चाहते हैं, अब आयोग के जरिये भर्ती होने से इंतजार लंबा हो सकता है, क्योंकि आयोग के पास पहले से ही कई भर्तियों का जिम्मा है। वहीं जल्द भर्तियां करवाने की मांग को लेकर भर्ती का इंतजार कर रहे डॉक्टरों ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी अवगत करया है।
कब तक भरेंगे किसी को पता नहीं
10 जुलाई को न्यायालय ने एक स्वप्रेरित याचिका की सुनवाई करते हुए चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूत कड़ी बताते हुए एक महीने में खाली पदों को भरने के आदेश दिए थे। वास्तविकता यह है कि आज भी प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। बाड़मेर में करीब 133 एवं जैसलमेर में चिकित्सको के 43 पद रिक्त हैं। जैसलमेर में 115 और बाड़मेर के 58 उप केन्द्रों में एएनएम के पद खाली हैं।
10 जुलाई को न्यायालय ने एक स्वप्रेरित याचिका की सुनवाई करते हुए चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूत कड़ी बताते हुए एक महीने में खाली पदों को भरने के आदेश दिए थे। वास्तविकता यह है कि आज भी प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। बाड़मेर में करीब 133 एवं जैसलमेर में चिकित्सको के 43 पद रिक्त हैं। जैसलमेर में 115 और बाड़मेर के 58 उप केन्द्रों में एएनएम के पद खाली हैं।