डॉक्टरों के काम नहीं करने से अस्पतालों के आउटडोर में आए मरीज परेशान होते रहे। जबकि वार्डों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को भी पूरा इलाज नहीं मिल सका। मरीज उपचार की आस में सुबह अस्पतालों में पहुंचे तो सही, लेकिन उन्हें जवाब यही मिला कि आज डॉक्टर अवकाश पर हैं। जिसके कारण अधिकांश स्थानों पर मरीज परेशान होते नजर आए।
डिस्पेंसरियो में भटकते रहे मरीज डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश से प्रदेश के साथ—साथ राजधानी की डिस्पेंसरियों में भी मरीजों के हाल खराब रहे। राजधानी में टोंक फाटक, मानसरोवर, सांगानेर, वैशाली नगर, झोटवाड़ा आदि इलाकों की अधिकांश डिस्पेंसरियों और अस्पतालों में डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर रहने से मरीज परेशान होते रहे।
संघ ने कहा सख्ती की तो अनिश्चितकालीन करेंगे डॉक्टरों का आरोप है कि चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर ही सारी कार्यवाहियां कर रहे हैं। इनका कहना है कि यदि एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने वाले डॉक्टरों पर कोई भी सख्त कार्यवाही की गई तो डॉक्टर भी एक दिन के सामूहिक अवकाश को अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश में बदल देंगे।