हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी आज सुबह प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक न तो सेवारत चिकित्सक काम पर लौटे और न ही मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट। (सभी फोटो - प्रवीण वर्मा)
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मंगलवार को साढ़े पांच हजार सेवारत चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं थे, आज पांचवे दिन भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं बेपटरी रही और मरीज इलाज के लिए कराहते रहे।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आज भी ऑपरेशन टाल दिए गए।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिलने से निजी अस्पतालों में महंगा इलाज लेने पर मजबूर हो रहे हैं और अपनी जेब कटा रहे हैं।
मंगलवार को हाईकोर्ट में हड़ताली डॉक्टरों को तत्काल ड्यूटी पर आने के आदेश दिए और नहीं आने पर अवमानना की कार्यवाही झेलने की चेतावनी भी दी। लेकिन सेवारत चिकित्सक काम पर नहीं लौटे। सरकारी अस्पतालों में वैकल्पिक इंतजाम भी धराशायी हो गए हैं, मरीज इलाज नहीं मिलने पर कराह रहे हैं।
सेवारत चिकित्सकों के समर्थन में मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट भी हडताल पर चले जाने के कारण मेडिकल कॉलेजों में इलाज भी बीमार हो गया है। बड़े ऑपरेशन टाले जा रहे हैं और आउटडोर में मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है।