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चिकित्सा मंत्री परसादीलाल बोले..जो सरकारी सेवा में रहना ही नहीं चाहते..उन्हे जबरन रोकने का फायदा नहीं

locationजयपुरPublished: May 13, 2022 03:28:14 pm

Submitted by:

Vikas Jain

डॉक्टरों के लिए खोला वीआरएस का रास्ता, रोक हटते ही मिले 10 आवेदन

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विकास जैन

जयपुर. राज्य सरकार ने बार—बार के आवेदनों से तंग आकर सरकारी डॉक्टरों के लिए नौकरी को अलविदा कहने का रास्ता खोल दिया है। सरकार ने करीब 15 वर्ष से डॉक्टरों को वीआरएस देने पर लगी रोक हटाई है। इस मामले पर राजस्थान पत्रिका से बातचीत में चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि जो सरकारी सेवा में रहना ही नहीं चाहते, उन्हें जबरन रोके रखने का कोई फायदा नहीं है।
मंत्री के मुताबिक रोक हटाए जाने के बाद 10 डॉक्टर वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं, जिनमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग दोनों के ही डॉक्टर शामिल हैं। दरअसल, सरकार की रोक के बावजूद कई डॉक्टर वीआरएस के लिए दूसरे रास्ते अपनाते रहे हैं। इसके लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव के समय चुनाव लड़ने की मंशा और कोर्ट का रास्ता और स्वास्थ्य संबंधी कारण मुख्य रहे हैं। हालांकि अब वीआरएस की संख्या बढ़ती है तो सरकार और मरीजों के लिए मुश्किलें भी खड़ी हो सकती है।
‘डॉक्टर तो सेवानिवृत्ति के बाद भी काम करना चाहते हैं’

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब लगातार नए मेडिकल कॉलेज खुलते जा रहे हैं। कुछ ही सालों में यह संख्या 30 से भी अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की अब कमी नहीं रहने वाली है, जो जाना चाहते हैं वे जाएं, डॉक्टर तो सेवानिवृत्ति के बाद भी काम करना चाहते हैं। इसीलिए सरकार ने यह आयु भी बढ़ाई है। राज्य में इस समय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत करीब 10 हजार और चिकित्सा शिक्षा विभाग में करीब 2 हजार चिकित्सक शिक्षक हैं। सरकार का मानना है कि इनमें से वीआरएस चाहने वाले चंद डॉक्टर ही हैं।
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