ठेकेदार का जिम्मा है कि वह कुत्तों को पकड़े और जयसिंहपुरा खोर स्थित बधियाकरण केन्द्र तक ले जाए। वहां बधिया करे और कुत्ते को वापस वहीं छोड़े जहां से पकड़ा था। लेकिन नगर निगम पैसे देने के बाद आंखों पर पट्टी बांध लेता है। देखता तक नहीं कि ठेकेदार ठीक से काम कर रहा है या नहीं। कुत्तों को वापस उसी जगह छोड़ रहा है या नहीं। हालांकि गुरुवार को निगम मुख्यालय में अतिरिक्त आयुक्त अरुण गर्ग की अध्यक्षता में बैठक हुई, इसमें कई निर्णय किए गए।
किसी इलाके में दूसरा कुत्ता आ जाए तो वहां के कुत्ते असहज और चिड़चिड़े हो जाते हैं।
ध्यान रखें, ये भी हैं कारण दर्द : ऑर्थराइटिस, फ्रेक्चर, आंतरिक चोट, कैंसर रोग, बाहरी चोट, चमड़ी कटने के कारण दर्द होने पर कुत्ते हिंसक हो जाते हैं।
डर : कुत्तों को लगता है कि वह खतरे में है और बचकर नहीं निकल सकता तो खुद को बचाने के लिए वह आक्रामक हो जाता है।
स्थिति : अपने क्षेत्र को अधिकार समझकर जब कुत्ता कुछ खा रहा है या किसी वस्तु को उसने पकड़ रखा है तो ध्यान रखें। उस समय वह हिंसक हो सकता है। (जयपुर चिडिय़ाघर के डॉक्टर अजय माथुर के अनुसार)