scriptयहां #Sale में मिल रहे हैं खतरनाक कुत्ते, सिर्फ 20  हजार का #Pittbul और 15 हजार में #Pak-Bully …. | Dog sell on Social Media | Patrika News

यहां #Sale में मिल रहे हैं खतरनाक कुत्ते, सिर्फ 20  हजार का #Pittbul और 15 हजार में #Pak-Bully ….

locationजयपुरPublished: Jul 24, 2021 12:05:13 pm

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JAYANT SHARMA

एक लाख का पिटबुल मिल जाता है पंद्रह से बीस हजार में हजार में। साठ हजार का राॅटवाईलर सिर्फ दस हजार में। तीस हजार के जर्मन शेफर्ड और डाॅबरमैनए पांच हजार से दस हजार में उपलब्ध। पाक बुली डाॅग एक लाख रुपए से ज्यादा कीमतए सोशल मीडिया पर दस हजार में बिक रहा।

Pit bull

Pit bull

जयपुर
दर्जनों टांके और कई फ्रैक्चर का दंश झेल रहा ग्यारह साल का विशाल अभी भी नींद में बड़बड़ाता है और दहशत से जाग जाता है। विशाल को चार दिन पहले पिटबुल डाॅग ने 32 जगहों पर काट लिया था और बमुश्किल उसकी जान बच सकी थी। पुलिस ने भी पिटबुल के मालिक पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया और पिटबुल को जयसिंह पुरा खोर स्थित डाॅग्स हाॅस्टल छोड़ दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में फिर से कुत्तों की अवैध खरीद फरोख्त सामने आई है। निगम और पुलिस तो क्या किसी भी अन्य सरकारी एजेंसी को इसकी भनत तक नहीं है। जबकि पालतू और स्ट्रीट डाॅग्स एक साल के भीतर ही सात हजार से ज्यादा लोगों को काट चुकें हैं।
ड्रग्स की तरह फैल रहा है खतरनाक कुत्ता पालने का नशाए करोड़ों रुपयों का कारोबार
जयपुर समेत प्रदेश भर की पुलिस ने कुछ महीने पहले से आॅपरेशन क्लीन स्वीप अभियान शुरु किया है। ड्रग्स या अवैध नशा रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। खतरनाक कुत्ते पालने का नशा भी कुछ इसी तरह का हैं। कम उम्र के युवा रौब झाडने या फिर अन्य कारणों से खतरनाक कुत्ते ले रहे हैं। जयपुर में पूरे शहर में करीब साठ दुकानें हैं जहां पर डाॅग्स या अन्य पैट बेचे जाते हैं। जबकि पूरे शहर में दो हजार से ज्यादा जगहों पर डाग्स का लेनदेन होता है। यह पूरा काम सोशल मीडिया के जरिए होता है। कम उम्र के युवा बिना किसी सामान्य जानकारी के ही ब्रीडर बन रहे हैं। ताकि डाॅग्स के पपीज बेच सकें। यही कारण है कि लाखों रुपयों में मिलने वाले कुत्ते अब चंद हजार रुपयों मंे मिल रहे हैं।
आॅनलाइन डाॅग्स की सेलए कपडों की तरह पसंद कराया जाता है
सोशल मीडिया पर फेसबुकए वाट्सएपए इंस्टाग्राम पर डाॅग्स को इस तरह से पेश किया जाता है जिस तरह से सेल में कपड़े दिखाए जाते हैं। डाॅग्स को किस तरह से खतरनाक बनाया जाए इसकी भी जानकारी देने के साथ ही अन्य जानकारियां भी साझाा की जाती है। यहां तक तक पंजाब और हरियाणा में तो खरतनाक और बैन कुत्तों की ब्रीडिंग कराई जाती है और इनको सोशल मीडिया पर प्रचारित करने के साथ ही पूरे देश में एयर या रोड डिलेवरी तक कराई जाती है। इसकी सूचना किसी भी सरकारी एजेंसी को नहीं दी जाती है। इस तरह के अवैध कारोबार पर किसी भी तरह की माॅनिटरिंग नहीं है।
जन्म के कुछ दिन बाद ही जानलेवा इंजेक्शन ताकि अच्छी कीमत दे सके पपी
डाॅग बाजार के आॅनर ने बताया कि सबसे स्वस्थ बच्चा वह होता है जो लगभग 45 दिन तक मां का दूध पीए और उसके बाद उसे अन्य कोई घर दिया जाए। लेकिन बाजार इतना खराब हो चुका है कि 25 दिन के बच्चे ही ब्रीडर बेच रहे हैं। इन्हे भी ज्यादा कैलोरी वाला खाना और कुछ खतरनाक इंजेक्शन देकर मोटा तगडा बना दिया जाता है। उसके बाद उंचे दामों पर बेचा जाता है। बाद में खरीदार के पास जाकर अक्सर बच्चे बीमार पड जाते हैं और कुछ दिन में मर जाते हैं। कई बार तो आनुवाशिंक बीमारी के बाद भी ब्रीडिंग कराई जाती है और बीमार फीमेल या मेल से बच्चे लिए जाते हैं जो भी बीमार ही होते हैं उनको भी धोखे से आगे बेच दिया जाता है।
लाखों के कुत्ते सेल में मिल रहे इतने सस्ते दाम में
एक लाख का पिटबुल मिल जाता है पंद्रह से बीस हजार में हजार में। साठ हजार का राॅटवाईलर सिर्फ दस हजार में। तीस हजार के जर्मन शेफर्ड और डाॅबरमैनए पांच हजार से दस हजार में उपलब्ध। पाक बुली डाॅग एक लाख रुपए से ज्यादा कीमतए सोशल मीडिया पर दस हजार में बिक रहा। अकिता और बुल मस्टिफ जैसी बेहद महंगी ब्रीड भी पंद्रह से बीस हजार में उपलब्ध। कम उम्र के युवा और किशोर जेब खर्च या कारोबार करने के हिसाब से कुत्तों की ब्रीडिंग करा रहे हैं जबकि इसके लिए पूरी जानकारी होना जरुरी है। इस कारण कई बा्रर बी्रडिंग में डाॅग की मौत भी हो जाती है। जबकि अवैध तरीके से कुत्ता रखना और ब्रीड कराना दोनो ही अपराध हैं। लेकिन सोशल मीडिया के जरिए हर दिन फल फूल रहे इस कारोबार पर किसी की नजर नहीं है।
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