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‘कब्र में भी मुर्दे नहीं सो पा रहे चैन की नींद’, आदमखोर श्वानों का आतंक जानकर आपका भी दिल दहल जाएगा

locationजयपुरPublished: Jan 15, 2022 08:59:01 pm

Submitted by:

abdul bari

पिछले 10 दिनों में बच्चों की दो कब्रों से श्वानों ने शव बाहर निकाल लिए और काफी हिस्सा नोंच लिया। मोहम्मद सलीम और नईम ने इन बच्चों के अधूरे शवों को फिर से दफनाया। इसके अलावा एक बड़ी कब्र में शव दफनाने के दूसरे दिन ही आदमखोर श्वानों ने सुरंग बना ली और अंदर पहुंच गए।

'कब्र में भी मुर्दे नहीं सो पा रहे चैन की नींद', आदमखोर श्वानों का आतंक जानकर आपका भी दिल दहल जाएगा

‘कब्र में भी मुर्दे नहीं सो पा रहे चैन की नींद’, आदमखोर श्वानों का आतंक जानकर आपका भी दिल दहल जाएगा

अब्दुल बारी/जयपुर. शास्त्री नगर कब्रिस्तान में मुर्दों को चैन की नींद भी नसीब नहीं हो रही है। हालात ये हैं कि इनदिनों कब्रिस्तान आदमखोर श्वानों के आतंक से जूझ रहा है। जानकारी के मुताबिक पिछले 10 दिनों में दो मुर्दों के शवों को श्वानों ने कब्रों से निकाल लिए। इसके अलावा पुरानी कब्रों को खोदकर श्वान अंदर से नरकंकाल निकाल रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि देखने वाले का दिल दहल जाए। सुरक्षा के नाम पर यहां कोई मुस्तैद नहीं है। पूरे मामले में नगर निगम हैरिटेज और वक्फ बोर्ड बेपरवाह नजर आ रहे हैं।
स्थानीय युवा मोहम्मद नईम और अफजल अहमद ने बताया कि व उनकी टीम के अन्य युवा नियमित रूप से कब्रिस्तान आते हैं। पिछले 10 दिनों में बच्चों की दो कब्रों से श्वानों ने शव बाहर निकाल लिए और काफी हिस्सा नोंच लिया। मोहम्मद सलीम और नईम ने इन बच्चों के अधूरे शवों को फिर से दफनाया। इसके अलावा एक बड़ी कब्र में शव दफनाने के दूसरे दिन ही आदमखोर श्वानों ने सुरंग बना ली और अंदर पहुंच गए। जागरूक लोगों ने श्वान को बाहर निकालकर बड़ा पत्थर लगाकर सुरंग बंद की। स्थानीय लोगों ने बताया कि कब्रिस्तान के बीचों बीच से एक नाला गुजर रहा है। कई जगह से इस नाले की दीवार टूटी हुई है। मुख्य रूप से श्वान यहीं से आते-जाते हैं।
विधायक कोष से हुए 18 लाख खर्च, फिर भी श्वानों की आवाजाही नहीं रोकी

पूरे मामले में खास बात ये है कि पिछले साल ही क्षेत्रीय विधायक अमीन कागजी ने इस कब्रिस्तान में करीब 18 लाख रूपए के विकास कार्य कराए। ऐसे में बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि लाखों रूपए खर्च करने के दौरान नाले की टूटी दीवार को ठीक क्यों नहीं कराया गया, जबकि इसी जगह से श्वान और सूअर कब्रिस्तान में आ रहे हैं। कब्रिस्तान कमेटी के मेंबर फिरोजुद्दीन ने बताया कि हमें वक्फ बोर्ड केवल 5 हजार रूपए महीना देता है। ऐसे में कब्रिस्तान की ठीक प्रकार से सुरक्षा नहीं हो पा रही है।
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हमारी टीम के युवा इनदिनों नियमित कब्रिस्तान आते हैं। पिछले 10 दिनों में श्वानों द्वारा निकाले गए दो बच्चों के शवों को हमने फिर से दफनाया है। इसके अलावा एक ताजा कब्र से श्वान को निकालकर पत्थर लगाकर सुरंग को बंद किया है। हमारी विनती करने पर पिछले दिनों मात्र एक बार श्वान पकड़ने की गाड़ी आई और खानापूर्ति कर चली गई।
मोहम्मद नईम, स्थानीय युवा


इस कब्रिस्तान के हालात बदतर हो गए हैं, श्वान मरे हुए इंसानों को भोजन बना रहे हैं। नरकंकाल और शव के अंग नजर आना यहां आम होने लगा है। कब्रिस्तान कमेटी मेंबर यहां की सुध ही नहीं लेते। यदि नाले की दीवार बना दी जाए तो 90 प्रतिशत श्वानों की आवाजाही बंद हो जाएगी। वक्फ बोर्ड हर महीने यहां सुरक्षा के नाम पर पैसा देता है, इसके बावजूद यहां कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है।
शब्बीर खान
महामंत्री, वक्फ संपत्ति संरक्षण विंग

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