scriptडोलो-650 : बिक्री बढ़ाने के लिए बांटे 1000 करोड़ रुपए के उपहार | Dolo-650: Gifts worth Rs 1000 crore distributed to increase sales | Patrika News

डोलो-650 : बिक्री बढ़ाने के लिए बांटे 1000 करोड़ रुपए के उपहार

locationजयपुरPublished: Aug 19, 2022 11:48:12 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक फार्मा कंपनी पर डोलो 650 की बिक्री के लिए डॉक्टरों को 1,000 करोड़ रुपए के मुफ्त उपहार देने का आरोप लगाया है। फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दवा की 500 एमजी से अधिक की खुराक के मामले में कीमत तय करना निर्माता की इच्छा पर निर्भर करता है। ऐसे में डोलो-650 एमजी की बिक्री के लिए डॉक्टरों को 1000 करोड़ रुपए के मुफ्त उपहार देने का आरोप तर्कहीन है।

medicines.jpg

Medicines File Photo

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक फार्मा कंपनी पर डोलो 650 की बिक्री के लिए डॉक्टरों को 1,000 करोड़ रुपए के मुफ्त उपहार देने का आरोप लगाया है। फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दवा की 500 एमजी से अधिक की खुराक के मामले में कीमत तय करना निर्माता की इच्छा पर निर्भर करता है। ऐसे में डोलो-650 एमजी की बिक्री के लिए डॉक्टरों को 1000 करोड़ रुपए के मुफ्त उपहार देने का आरोप तर्कहीन है।

जस्टिस डी.ण्वाई चंद्रचूड़ और एण्एस बोपन्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मुझे कोविड हुआ था। मुझे यही दवा मिली थी। यह गंभीर मामला है। पीठ केंद्र को फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रेक्टिस कोड के समान कोड को वैधानिक आधार देने और निगरानी तंत्रए पारदर्शिता, जवाबदेही के साथ-साथ उल्लंघन के परिणामों को सुनिश्चित कर इसे प्रभावी बनाने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।

गुरुवार को उसने केंद्र सरकार को काउंटर और याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने का समय दिया। वहीं एफएमआरएआइ ने कहा कि इस मामले में संहिता पहले से मौजूद है। इस मुद्दे पर सिर्फ स्वैच्छिक और वैधानिक मामले की सुनवाई होनी चाहिए।

आम आदमी के भरोसे पर प्रहार

ऐसे समय में, जब मुफ्त की चुनावी ’रेवड़ियों’ के मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस हो रही है, यह आरोप गंभीर चिंता का विषय है कि दवा बनाने वाली कंपनी माइक्रो लैब्स ने अपने उत्पाद डोलो-650 को बढ़ावा देने के बदले डॉक्टरों और चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों को 1,000 करोड़ रुपए के मुफ्त उपहार बांटे। इस दवा का प्रचलन आम क्यों है, इसको लेकर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं। आम मरीज डॉक्टरों पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। यह आरोप इस भरोसे पर प्रहार करता है। आरोप की तह तक जाने की जरूरत है। मेडिकल पेशे से जुड़े ऐसे लोगों को बेनकाब किया जाना चाहिए, जो मर्ज देखकर नहीं, ’उपहार’ लेकर दवाइयां लिखते हैं। रिश्वत छूत की बीमारी है। मेडिकल क्षेत्र को इससे बचाया जाना चाहिए। डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों का उपहार-आधारित गठजोड़ समाज की सेहत के लिए हानिकारक है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो