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अधूरे न छोड़ें विकास कार्य, इसी साल करना होगा पूरा

locationजयपुरPublished: May 17, 2018 07:47:16 pm

Submitted by:

Neeru Yadav

अधूरे न छोड़ें विकास कार्य, इसी साल करना होगा पूरा

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विकास कार्यों को अधूरा न छोड़ा जाए, उन्हें इसी साल पूरा किया जाए। यह कहना है मुख्य सचिव डीबी गुप्ता का। मुख्य सचिव ने गुरूवार को सचिवालय में सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम की 33 वीं राज्यस्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक ली। इस बैठक में उन्होने संबंधित विभागों को इस कार्यक्रम से जुड़े सभी कामों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। इस बैठक में 4 जिलों में 349 करोड़ की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई। 2185 कार्य प्रस्तावों को अनुमति मिली। पहले फेज में 135 करोड़ रुपए के काम किए जाएंगे। मुख्य सचिव ने 45 गांवों के विकास के लिए 5 करोड़ करोड़ रुपए दिए।
उन्होने संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा कौशल विकास केन्द्रों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की एवं इसमें आ रही कठिनाईयों के निराकरण के लिए चर्चा की।
गुप्ता ने निर्देश दिए कि कार्यों को अधूरा न छोड़ा जाए और उसे इसी वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाए। जिन जिलों में यह कार्यक्रम चल रहा है, उन जिलों के जिला कलक्टर को निर्देश दिए गए कि 31 मई तक कार्यपूर्णता प्रमाणपत्र भिजवाएं। विशेष तौर पर स्मार्ट विलेज के समस्त कार्य पूर्ण कर यूसी अगस्त तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रीगंगानगर और जैसलमेर के अधिकारियों को तृतीय पक्ष निरीक्षण रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने रमसा कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम की सराहना की और इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए लाभदायक बताया। बैठक में सम्बंधित जिलों की के लिए आवंटित राशि एवं प्रेषित कार्ययोजना में प्रस्तावित कार्यों की संख्या पर विस्तार से चर्चा हुई।
प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने बताया कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम का उद्देश्य अन्तरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूरवर्ती एवं अगम्य क्षेत्रों में रह रहे लोगों की विशिष्ट विकासात्मक जरूरतों को पूरा करना है। यह योजना भारत सरकार द्वारा स्पोंसर्ड है, जिसमें 60 प्रतिशत केन्द्रीय अंश और 40 प्रतिशत राज्यांश है।
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