एसीबी पाली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपत चंद ने बताया कि गत 15 फरवरी को बलात्कार पीडि़ता ने शिकायत दी कि उसके पोक्सो के मामले में आरोपी को सजा हो चुकी है। सरकार की ओर से उसे प्रतिकर राशि स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन यह राशि जारी नहीं की जा रही है। राशि जारी कराने के एवज में बाल कल्याण समिति पाली के अध्यक्ष व सदस्यों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है।
शिकायत के सत्यापन के दौरान सामने आया कि समिति अध्यक्ष व सदस्यों ने एक बिचोलिया एडवोकेट सुधीर काकाणी के माध्यम से रिश्वत की मांग की। सोमवार को एडवोकेट सुधीर ने पीडि़ता से बाल कल्याण समिति के कार्यालय में अध्यक्ष व दोनों सदस्यों के सामने दस हजार रुपए का लिफाफा लेकर टेबल पर रख दिया, तभी एसीबी ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के अनुसार स्वीकृत राशि सवा चार लाख रुपए के 10 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से रिश्वत की मांग की गई थी। पहली किस्त के रूप में सोमवार को दस हजार रुपए रिश्वत ली गई और आरोपी एसीबी के हत्थे चढ़ गए।
नाबालिग से बलात्कार के अभियुक्त को 10 वर्ष का कारावास की सजा, 50 हजार रुपए जुर्माना अजमेर. पॉक्सो अदालत संख्या दो ने नाबालिग लड़की से बलात्कार करने के मामले में सोमवार को फैसला सुनाया। अदालत ने अभियुक्त कायमपुरा निवासी आदम खान को दस वर्ष का कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पीडि़ता की बहन ने रिपोर्ट दर्ज कर बताया कि उसकी छोटी बहन 12 वीं कक्षा की छात्रा है। उसका सहपाठी आरोपी उसकी बहन का पीछा कर कई बार घर आ जाता था। एक उसकी बहन घर में थी तभी आरोपी उसके घर आया और गणित की किताब मांगी। वो अंदर किताब लेने गई तभी आरोपी आदम खान ने दरवाजा बंद कर लिया और जबरदस्ती की। विरोध करने पर उसने चाकू निकाल कर गर्दन पर रख दिया और जान से मारने की धमकी दी। रिपोर्ट में पीडि़ता के फोटो खींच कर दो साल से देहशोषण करने का भी आरोप लगाया। 10 मार्च 2018 को परिवादी की परिचित ने परिवादी के बहन के फोटो वायरल होने की जानकारी भी दी। तब पीडि़ता ने बताया कि आरोपी दो साल से उसका देहशोषण कर रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी को दो जुलाई 2019 को उसे गिरफ्तार कर लिया।23 दस्तावेज व 14 गवाह पेश
बचाव पक्ष की ओर से वकील शेखावत ने 23 दस्तावेज व 14 गवाह पेश किए। वकील शेखावत ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर नमूनों का मिलान होने पर दुराचार का अपराधा साबित होना पाया। अदालत ने इस आधार पर अभियुक्त आदम को 10 वर्ष का कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।