गौरतलब है कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जब पहली बार मध्यस्थता का राग अलापा था, तब उन्होंने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कश्मीर समस्या का समाधान कराने के लिए कहा है। इससे भारतीय राजनीति में बवाल हो गया। विपक्षी दलों ने सरकार को घेर लिया। बाद में ट्रंप का झूठ पकड़ा गया। इसके पहले भी अमरीकी राष्ट्रपति करीब तीन बार मध्यस्थता का राग अलाप चुके हैं। जबकि भारत लगातार कह रहा है। कश्मीर विवाद भारत—पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय विवाद है। इस विवाद को दोनों ही देश मिल—बैठकर सुलझाएंगे। किसी तीसरे देश का हस्तक्षेप मंजूर नहीं।
अमरीकी राष्ट्रपति ने वॉशिंगटन में कहा, दोनों देशों के बीच दो सप्ताह पहले जिस तरह का तनाव था, उसमें अब कमी दिख रही है। इसके बाद ट्रंप ने कहा, अगर भारत—पाकिस्तान राजी हों तो दोनों देश के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
ट्रंप बोले, दोनों देशों से अच्छे ताल्लुक वॉशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, उनके दोनों ही देशों से अच्छे संबंध हैं और दोनों देशों की मदद करना चाह रहे हैं। इसके बाद ट्रंप ने कहा, मैं दोनों ही देशों से अच्छा घुला—मिला हुआ हूं। यदि भारत—पाकिस्तान चाहें तो मैं मदद को तैयार हूं। यह बात दोनों देशों को पता है, मेरा मध्यस्थता का ऑफर आज भी है।