उत्तर कोरिया के हालिया रुख के बाद दोनों देशों के बीच फिर तल्ख रिश्ते हो सकते हैं। हनोई में वार्ता बेनतीजा रहने के बाद दोनों देशों के बीच पत्र व्यवहार चलता रहा। अमरीका उत्तर कोरिया से परमाणु कार्यक्रमों को बंद करने के लिए कह रहा था जबकि उत्तर कोरिया ने उस पर लगे प्रतिबंधों में छूट चाहता है। अमरीका पर दबाव की रणनीति अपनाते हुए उत्तर कोरिया ने मई में दो मिसाइल परीक्षण भी किए थे। अमरीका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बीगन ने कोरिया की यात्रा से पहले कहा था कि परमाणु निरस्त्रीकरण से पहले उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों में ढील देने का कोई विचार नहीं है। लेकिन मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए हम उत्तर कोरिया को सहायता और राजनयिक संबंधों को उन्नत कर सकते हैं, बशर्ते उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियारों पर आगे काम नहीं करे। दोनों नेताओं के बीच पिछले वर्ष जून में सिंगापुर में पहली वार्ता हुई थी।