नगर निगम ग्रेटर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कर रही बीवीजी कंपनी को फिर बाहर करने की कवायद शुरू हो गई है। विधिक प्रक्रिया अपनाकर कंपनी को बाहर करके नए सिरे से डोर टू डोर कचरा संग्रहण योजना को शुरू किया जाएगा। साथ ही हर वार्ड में पांच-पांच हाथ गाड़ियां कचरा उठाने के लिए खरीदी जाएगी। ग्रेटर की तीनों सफाई समितियों की गुरुवार को हुई संयुक्त बैठक में यह निर्णय किया गया।
बैठक में सभी सदस्यों ने कहा कि ज्यादातर वार्डों में जनसंख्या में अनुपात में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। कई वार्ड बड़े हैं, लेकिन वहां कर्मचारी कम है। जबकि कई वार्ड छोटे होने के बाद भी कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में तय किया गया कि कर्मचारियों का वितरण जनसंख्या के अनुपात में किया जाएगा। साथ ही तय मानकों के अनुसार कर्मचारियों को काम का वितरण भी समान तरीके से किया जाएगा। अभी चहेते कमर्चारियों से कम काम करवाया जाता है, जबकि कई कर्मचारियों पर काम का दबाव ज्यादा है। बैठक में सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य की हर तीन महीने में जांच करने और कर्मचारियों के दस्ताने, जूते जैसे सुरक्षा उपकरणों की खरीद करने का भी फैसला किया गया। बैठक में चेयरमैन अभय पुरोहित, रामस्वरूप मीणा, रामकिशोर प्रजापत सहित समिति सदस्यों और निगम अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बायोमीट्रिक मशीन से होगी हाजिरी बैठक में कई सदस्यों ने बताया कि हाजिरीगाह में तीन तरह के रजिस्टर रखे जाते हैं। इन रजिस्टरों में गफलत की जाती है। इस पर निर्णय किया गया कि हर हाजिरीगाह पर बायोमीट्रिक मशीन से कर्मचारियों की दोनों पारियों में हाजिरी होगी। साथ ही वार्ड के हिसाब से अकुशल श्रमिकों को जॉब बेसिस पर लिया जाएगा।