उनका कहना था कि देश में सबसे पहले लॉकडाउन की बात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की। इसके बाद देशभर में लॉकडाउन भी लगा। राजस्थान सहित कई राज्यों में चुनाव भी हुए। चुनाव आयोग के घोषित कार्यक्रम की वजह से चुनाव कराना सरकार की मजबूरी भी थी। कोरोना की दूसरी लहर ने खतरे की घंटी को और ज्यादा बढ़ा दिया। ऐसे में राजस्थान सरकार चिकित्सा विभाग की मदद से जो इंतजाम राजस्थान के अस्पतालों में कर सकती थी वह किए भी हैं। डोटासरा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर पार्टी ने प्रदेश मुख्यालय के अलावा जिलों में भी कन्ट्रोल रूम शुरू किए। इसके जरिए जनता की लगातार मदद की जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब विधायक कोष के पैसे को बढ़ाकर पांच करोड़ किया तो किसी ने सोचा नहीं था कि कोरोना की लहर दोबारा भी आएंगी क्या। मुख्यमंत्री का विजन आज वैक्सीनेशन में मददगार साबित हो रहा है। अब दो करोड़ रुपए वैक्सीनेशन में काम आएंगे और 75 लाख से हर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श अस्पताल स्थापित होगा। शेष 25 लाख की विधायक राशन सामग्री सहित अन्य कार्यो में कलेक्टर के जरिए खर्च कर सकेंगे।
करवाया गया सर्वे
उनका कहना था कि अब सरकार की ओर से सभी क्षेत्रों में सर्वे कराया गया है। जहां भी हल्के लक्षण वाले मरीज मिले उनको सरकार की ओर से निशुल्क दवाएं घर.घर भिजवाई जा रही है।
डोटासरा ने कहा कि केन्द्र सरकार भी हर संभव प्रयास कर रही है। यहां मैं किसी भी दल के उपर लाछंन नहीं लगा रहा लेकिन राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व इंजेक्शन मिलने चाहिए, जिससे मरीजों को राहत मिल सके। सरकार भामाशाहों की मदद से ऑक्सीजन कन्सट्रेटर अस्पतालों में भिजवाने में जुटी है। यदि इसी रफ्तार से वैक्सीनेशन हुआ तो सरकार को तीन साल से अधिक का समय लग जाएगा। ऐसे में केन्द्र सरकार को भी मजबूत इच्छा शक्ति दिखाते हुए राज्यों की समस्याओं का समाधान करना होगा।
करवाया गया सर्वे
उनका कहना था कि अब सरकार की ओर से सभी क्षेत्रों में सर्वे कराया गया है। जहां भी हल्के लक्षण वाले मरीज मिले उनको सरकार की ओर से निशुल्क दवाएं घर.घर भिजवाई जा रही है।
डोटासरा ने कहा कि केन्द्र सरकार भी हर संभव प्रयास कर रही है। यहां मैं किसी भी दल के उपर लाछंन नहीं लगा रहा लेकिन राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व इंजेक्शन मिलने चाहिए, जिससे मरीजों को राहत मिल सके। सरकार भामाशाहों की मदद से ऑक्सीजन कन्सट्रेटर अस्पतालों में भिजवाने में जुटी है। यदि इसी रफ्तार से वैक्सीनेशन हुआ तो सरकार को तीन साल से अधिक का समय लग जाएगा। ऐसे में केन्द्र सरकार को भी मजबूत इच्छा शक्ति दिखाते हुए राज्यों की समस्याओं का समाधान करना होगा।