ताजा रैंकिंग के अनुसार, अवनि आर2 – 10 मीटर एयर राइफल महिला एसएच1 और आर8 – 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में नंबर एक रैंकिंग पर पहुंच गई हैं। अवनि ने मंगलवार को ट्वीट किया, दो कैटेगरी की विश्व रैंकिंग में पहला स्थान पाकर बेहद खुश हूं।
टोक्यो पैरालंपिक में रचा था इतिहास
20 वर्षीय अवनि पिछले साल टोक्यो पैरालंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने इतिहास रचते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 प्रतियोगिता में स्वर्ण और 50 मीटर राइफल 3-पोजीशन एसएच1 में कांस्य पदक जीता था। उन्हें 2021 में प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार से भी नवाजा गया था। अवनि ने इस माह फ्रांस में पैरा शूटिंग विश्व कप में भी रेकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
20 वर्षीय अवनि पिछले साल टोक्यो पैरालंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने इतिहास रचते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 प्रतियोगिता में स्वर्ण और 50 मीटर राइफल 3-पोजीशन एसएच1 में कांस्य पदक जीता था। उन्हें 2021 में प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार से भी नवाजा गया था। अवनि ने इस माह फ्रांस में पैरा शूटिंग विश्व कप में भी रेकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
हर परिस्थिति का हिम्मत से सामना करें, अंतत: जीत हमारी ही होगी
हाल ही में जयपुर आने पर राजस्थान पत्रिका से बातचीत में अवनि ने कहा था: मैंने अपने जीवन का सबसे खराब समय भी देखा था और अब यह सफलता भी देख रही हूं। हमें हर परिस्थिति का हिम्मत से सामना करना चाहिए और जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए अंतत: जीत हमारी ही होगी। जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तब यों लगा था जैसे सब कुछ खत्म हो गया। मैं लगभग दो साल घर पर रही। यही समय होता है हमारी परीक्षा का। अगर हम घबराकर सब कुछ छोड़ हाथ पर हाथ रख बैठ जाते हैं तो जीवन यहीं रुक जाता है। वहीं अगर हमने स्वयं को फिर से तैयार किया तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
हाल ही में जयपुर आने पर राजस्थान पत्रिका से बातचीत में अवनि ने कहा था: मैंने अपने जीवन का सबसे खराब समय भी देखा था और अब यह सफलता भी देख रही हूं। हमें हर परिस्थिति का हिम्मत से सामना करना चाहिए और जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए अंतत: जीत हमारी ही होगी। जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तब यों लगा था जैसे सब कुछ खत्म हो गया। मैं लगभग दो साल घर पर रही। यही समय होता है हमारी परीक्षा का। अगर हम घबराकर सब कुछ छोड़ हाथ पर हाथ रख बैठ जाते हैं तो जीवन यहीं रुक जाता है। वहीं अगर हमने स्वयं को फिर से तैयार किया तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।