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रुपए की मार से राज्य का निर्यात धराशायी

locationजयपुरPublished: Sep 13, 2018 12:17:59 am

Submitted by:

Veejay Chaudhary

घट सकता है मार्बल, ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट और कपड़ा उद्योगों का निर्यात

jaipur

रुपए की मार से राज्य का निर्यात धराशायी

जयपुर. राजस्थान के मार्बल, ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट और कपड़ा उद्योग की बढ़त ज्यादातर निर्यात पर निर्भर करती है। लेकिन रुपए की लगातार गिरावट ने इन उद्योगों को मंदी की ओर धकेल दिया है। डॉलर की मजबूती ने विदेशी बायर्स की डिमांग को घटा दिया है, जिससे वे एक्सपोर्ट आर्डर की कीमतें घटाने की मांग कर रहे हैं और एेसा नहीं करने पर आर्डर कैंसल करने की धमकी दे रहे हैं। रुपए की मंदी इस वित्त वर्ष में राज्य के उद्योगों को 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचा सकती है।
30 फीसदी घटी मांग: 72 के पार पहुंचे डॉलर ने देश में सबसे ज्यादा राजस्थान के उद्योगों को झटका दिया है, क्योंकि यहां के ज्यादातर उद्योग निर्यात आधारित हैं। राज्य के मार्बल उद्योग में घरेलू के साथ-साथ विदेशी डिमांड भी लगभग खत्म हो चुकी है। राज्य में रियल एस्टेट की मंदी ने मार्बल उद्योग की बिक्री को 30 फीसदी तक घटा दिया था और अब रुपए के गिरते मूल्य से मार्बल उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। राजस्थान से गत वर्ष 14 हजार करोड़ रुपए का ग्रेनाइट और मार्बल एक्सपोर्ट हुआ था, जो इस साल घटकर 10 हजार करोड़ रह सकता है, जिसकी प्रमुख वजह भारी संख्या में आर्डर्स का कैंसेल होना है।
कीमतें घटाने का दबाव: वहीं हैंडीक्राफ्ट के कारोबारियों का कहना है कि डॉलर की तेजी से विदेशी बायर्स कीमतें घटाने की मांग कर रहे हैं, जबकि देश में महंगाई चरम पर है और एेसे में विदेशी आर्डर बायर्स की रेट में पूरा करना नामुमकिन है। इससे आर्डर कैंसेल होने का खतरा भी मंडरा रहा है। इस साल सालाना एक्सपोर्ट में डॉलर के बढऩे से कमी तो नहीं आएगी, लेकिन आर्डर्स की संख्या जरूरी घटेगी। पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने हैंडीक्राफ्ट में काम आने वाले फैब्रिक की कीमतें बढ़ा दी है, जिससे इस उद्योग को तय कीमत में आर्डर पूरा करने में परेशानी आ रही है।
डॉलर-यूरो ने बिगाड़ा गणित:
गारमेंट कारोबारी रमेश निश्चल का कहना है कि डॉलर और यूरो का उतार-चढ़ाव गारमेंट उद्योग पर नकारात्मक असर डालता है। डॉलर और यूरो एेसे ही बढ़ता रहा है, तो इस साल गारमेंट एक्सपोर्ट में 25 फीसदी तक की कमी आ सकती है।
उद्योगों को कितना नुकसान
मार्बल 4000 करोड़
जैम्स एंड ज्वैलरी 7000 करोड़
हैंडीक्राफ्ट 2500 करोड़
गारमेंट 2000 करोड़

डॉलर की तेजी से निर्यातकों को मामूली फायदा होगा, लेकिन विदेशी बायर्स लगातार कीमतें घटाने का दबाव बना रहे हैं, जिससे हैंडीक्राफ्ट का निर्यात प्रभावित हो सकता है।
नवनीत झालानी, संयुक्त सचिव, फेडरेशन ऑफ राजस्थान टेक्सटाइल एंड हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट
मार्बल यूनिट्स में भारी मात्रा में इन्वेंटरी जमा हो गई है, ना ही घरेलू और न ही विदेशी डिमांड आ रही है।
महेश शर्मा, प्रवक्ता, फेडरेशन ऑफ इंडियन ग्रेनाइट स्टोन इंडस्ट्री

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