पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। डॉ सिंह ने विधानसभा में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र भरा। उन्होंने नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा सहित अन्य कई मंत्री तथा सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी एवं उपसचेतक महेन्द्र चौधरी मौजूद थे।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एवं निर्दलीय विधायकों ने भी डॉ मनमोहन सिंह के नाम का समर्थन किया। इस मौके विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, लाखन सिंह सहित अन्य बसपा विधायकों ने डॉ सिंह से मुलाकात की और उनका आभार जताया।
डॉ मनमोहन सिंह का राज्यसभा कार्यकाल गत 14 जून को समाप्त हो गया था। कांग्रेस ने उन्हें इस बार राजस्थान से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। वह वर्ष 1991 से अब तक पांच बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके है। उन्होंने एक बार लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन सफल नहीं हुए।
भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी खड़ा करने के संबंध में रुख स्पष्ट नहीं किया है। संख्या बल भाजपा के पास महज 72 है, जबकि जीत के लिए 100 विधायकों की आवश्यकता है। ऐसे में पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार कर रही है। कांग्रेस के पास जीत का आंकड़ा है। इसके अलावा 12 निर्दलीय, 6 बसपा और रालोद के एक विधायक भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं, ऐसे में सिंह की जीत तय मानी जा रही है।
मनमोहन सिंह कुछ समय पहले राजस्थान विधानसभा में विधायकों के एक कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इसके बाद से ही ये अटकलें शुरू हो गई थीं कि वह इस बार राजस्थान से ही राज्यसभा पहुंचेंगे। सिंह 1997 से 2019 तक असम से राज्यसभा सदस्य रहे हैं।
यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा के 10 सांसदों में से राजस्थान से एक भी राज्यसभा सांसद कांग्रेस का नहीं है। करीब 14 महीने पहले से कांग्रेस की यह स्थिति है। कांग्रेस को अप्रेल 2020 तक इंतजार करना था, लेकिन मदनलाल सैनी के निधन होने से कांग्रेस को अब आठ महीने पहले ही राज्यसभा में मौका मिल जाएगा।