5 फीसदी आरक्षण विधेयक के लिए बनेगी ड्राफ्ट कमेटी
जयपुरPublished: Jun 02, 2015 11:49:00 pm
विशेष पिछड़ा वर्ग के पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए नए विधेयक का ड्राफ्ट बनाने के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित होगी।
विशेष पिछड़ा वर्ग के पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए नए विधेयक का ड्राफ्ट बनाने के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित होगी।
कमेटी में महाधिवक्ता, प्रमुख विधि सचिव, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव, कार्मिक सचिव के साथ गुर्जर समाज के तीन प्रतिनिधि शामिल होंगे।
ड्राफ्ट के लिए दस दिन में तैयारी शुरू हो जाएगी। विधेयक पारित कराने के लिए जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा।
सचिवालय में मंगलवार को मंत्रिमण्डलीय उप समिति और गुर्जर प्रतिनिधियों की संयुक्त की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हेम सिंह भडाना, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के किरोड़ी सिंह बैंसला, हिम्मत सिंह गुर्जर समेत अन्य प्रतिनिधि एवं अफसर मौजूद थे।
मुकदमे वापस लेने के लिए भी कमेटी
बैठक में गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए एक माह में कमेटी बनाने पर भी सहमति बन गई। यह समिति मुकदमों की समीक्षा कर इन्हें वापस लेने के बारे में निर्णय करेगी। साथ ही, पिछली सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत छह पीएचसी और सात आवासीय विद्यालय खोलने तथा इस मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक अब प्रत्येक माह के बुधवार को करने के निर्णय भी हुए।
किस पर करें विश्वास
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी को लेकर गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया और विधि मंत्री राजेन्द्र राठौड़ के विरोधाभाषी बयानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान से समझौते की विश्वसनीयता पर खतरा है। यह सवाल खड़ा हो रहा है कि किस मंत्री पर विश्वास किया जाए।
उन्होंने कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों को मान्यता नहीं मिलने और उनमें स्टाफ की बेहद कमी की शिकायत करते हुए कहा कि 2008 में प्रशिक्षण केन्द्र तो खोल दिए, लेकिन आज तक केन्द्र से इनको मान्यता नहीं मिली। फिर इनसे प्रशिक्षण का औचित्य क्या है? देवनारायण योजना के बजट का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि बजट 500 करोड़ का था, लेकिन अब तक सिर्फ 170 करोड़ रुपए ही दिए गए हैं।