तबादला नीति के प्रावधानों के अनुसार ही अब शिक्षा विभाग सहित सभी विनागों के कार्मिकों के तबादले किए जाएंगे। तबादला नीति का ड्राफ्ट मुख्य सचिव उषा शर्मा को भेजा गया है। तबादला नीति को लेकर समीक्षा बैठकें भी हो चुकी हैं।
अगले माह जून में लागू हो सकती है नई तबादला नीति
सरकार से जुड़े सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद नई तबादला नीति अगले माह जून में लागू हो सकती है। जुलाई में स्कूल-कॉलेज भी खुलेंगे। ऐसे में माना यह जा रहा है कि स्कूल-कॉलेज खुलने से पहले सरकार तबादला नीति लागू कर देगी, जिससे शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को तबादलों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े और स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों की पढ़ाई भी मेरी बाधा नहीं आए।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर आरके चौबीसा ने तैयार किया है ड्राफ्ट
इधर सरकार की नई तबादला नीति का ड्राफ्ट सेवानिवृत्त प्रोफेसर आरके चौबीसा ने तैयार किया है। तबादला नीति को लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग की भी कई बैठकें हो चुकी हैं। सरकार ने 31 दिसंबर 2021 को तबादला नीति के लिए सारे दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए थे, जिसके बाद कई बैठकों के बाद तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।
तबादलों पर उठते रहे हैं सवाल
दरअसल कांग्रेस का शासन हो या फिर बीजेपी का, तबादलों को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। तबादलों में भाई- भतीजावाद और नियम विरुद्ध तबादले करने और तबादलों के बदले पैसे लेने के आरोप भी लगते रहे हैं।
बीते साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों से तबादले के बदले पैसे देने का सवाल पूछा था जिस पर शिक्षकों ने एक सुर कहा था कि तबादलों के बदले पैसे लिए जाते हैं। तब इस मामले में तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी सफाई देनी पड़ी थी।
तबादला नीति लागू होने से मिलेगी राहत
दरअसल प्रदेश में अगर नई तबादला नीति लागू होती है तो इससे सरकारी कार्मिकों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। चूंकि इसके लिए उन्हें सिफारिश के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। तबादले के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें तबादला नीति के प्रावधानों के मुताबिक आसानी से उनका तबादला हो जाएगा। गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों में पारदर्शिता रखने करने के लिए नई तबादला नीति जारी करने की घोषणा की थी।