आंखें नम कर गया नाटक इस नाटक के अंत में गांधारी का आंखों से पट्टी हटाकर अपने मृत पुत्र दुर्योधन को देखना और कृष्ण को श्राप देने के दृश्य ने ऑडियंस की आंखें नम कर दी। वहीं, दुर्योधन के किरदार निभाने वाले कलाकार ने आधे घंटे से अधिक समय तक मंच के बीच में एक ही पॉस्चर में अधर लेटने की स्थिति एकाग्रता को दर्शाती है। वहीं, मंच पर उतर सभी कलाकारों की बॉडी म्यूजिक के साथ रिद्धमिक दिखी। जॉय मैसनम निर्देशित नाटक को मेटा-2019 में श्रेष्ठ नाटक के लिए सम्मान मिल चुका है।
नाटक से मिलती सीख हिंसा मानव जीवन और नैतिक मूल्यों को दुष्प्रभाव डालती है। लोग अपनी दूरदर्शिता को खो बैठता है। चाहे परिणाम कितना भी भयावह हो। इसलिए अंहिसा अपनाए।