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Andha Yug : अश्वत्थामा किरदार निभाना एक तपस्या

locationजयपुरPublished: Nov 27, 2019 09:15:49 pm

जवाहर कला केंद्र में नाटक अंधा युग मंचित, केंद्र में अश्वत्थामा और गांधारी का किरदार रहा।

Andha Yug : अश्वत्थामा किरदार निभाना एक तपस्या

Andha Yug : अश्वत्थामा किरदार निभाना एक तपस्या

पद्मश्री धर्मवीर भारती ( dharmveer bharti ) का लिखा रंगमंच का चर्चित नाटक ‘अंधा युग’ ( Andha Yug )। इसमें महाभारत ( Mahabharat ) के अंतिम दिन का दृश्य में रचा हुआ। युद्ध के बाद फैले सन्नाटे, समस्याओं और मानवीय महत्वाकांक्षाओं की कथा को कई बार मंचित किया गया। बुधवार को एक बार फिर जवाहर कला केंद्र ( jawahar kala kendra ) के सभागार में कलाकारों ने बेहद खूबसूरती के साथ मंच पर उतारा। इस नाटक के मुख्य किरदार अश्वत्थामा को निभाना रंगमंच पर कलाकार की कठोर तपस्या बताया जाता है। यहां पर भी ऐसा ही दिखा, मोहम्मद शाहनवाज के अभिनय और डायलॉग अदायगी ने ऑडियंस का दिल जीता।
आंखें नम कर गया नाटक

इस नाटक के अंत में गांधारी का आंखों से पट्टी हटाकर अपने मृत पुत्र दुर्योधन को देखना और कृष्ण को श्राप देने के दृश्य ने ऑडियंस की आंखें नम कर दी। वहीं, दुर्योधन के किरदार निभाने वाले कलाकार ने आधे घंटे से अधिक समय तक मंच के बीच में एक ही पॉस्चर में अधर लेटने की स्थिति एकाग्रता को दर्शाती है। वहीं, मंच पर उतर सभी कलाकारों की बॉडी म्यूजिक के साथ रिद्धमिक दिखी। जॉय मैसनम निर्देशित नाटक को मेटा-2019 में श्रेष्ठ नाटक के लिए सम्मान मिल चुका है।
नाटक से मिलती सीख

हिंसा मानव जीवन और नैतिक मूल्यों को दुष्प्रभाव डालती है। लोग अपनी दूरदर्शिता को खो बैठता है। चाहे परिणाम कितना भी भयावह हो। इसलिए अंहिसा अपनाए।

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