scriptद्रव्यवती नदी की समीक्षा से पहले बेहोश हुए प्रोजेक्ट निदेशक | Dravyavati Nadi Project | Patrika News

द्रव्यवती नदी की समीक्षा से पहले बेहोश हुए प्रोजेक्ट निदेशक

locationजयपुरPublished: Jan 05, 2018 12:45:43 am

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

जेडीए में गुरुवार को हुई द्रव्यवती नदी सौन्दर्यन प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में टाटा प्रोजेक्ट्स के प्रोजेक्ट निदेशक कॉलिन बैचलर बेहोश हो गए।

dravyawati nadi

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एकाएक हुई इस स्थिती से जेडीए अफसर भी घबरा गए। करीब 2-3 मिनट तक बेहोश रहे। इस बीच टाटा कंपनी और जेडीए अधिकारियों ने उन्हें उठाया। होश में आने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जेडीए अधिकारियों के मुताबिक बैचलर कुर्सी पर बैठे थे। बैठक शुरू होने से पहले ही वे एकाएक नीचे गिर गए और बेहोश हो गए। कुछ देर बाद होश में आने के बाद आराम किया । बाद में बैठक से पहले अस्पताल ले गए। इसके बाद जेडीसी वैभव गालरिया की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। इसमें निर्धारित लक्ष्य के अनुपात में धीरे काम कार्रने पर चिंता जताई। जेडीसी ने साफ कर दिया कि सरकार के निर्धारित तिथि तक काम पूरा होना ही चाहिए।
बैठक में जेडीए पुलिस अधीक्षक राहुल जैन, निदेशक अभियांत्रिकी (द्वितीय) ललित शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता बी.डी. शर्मा, अधीक्षण अभियंता मकसूद अहमद और संबंधित अधिकारी शामिल हुए।

इस तरह करना होगा काम….
– परियोजना क्षेत्र में आ रहे रेलवे के हिस्से में कार्य को गति मिले, इसके लिए निदेषक अभियांत्रिकी (द्वितीय) को व्यक्तिगत स्तर पर डीआरएम से चर्चा कर कार्य शुरू करवाने के लिए कहा।
– कृषि अनुसंधान केन्द्र के हिस्से में कार्य शुरू हो सके इसके लिए पत्र भेजा जाएगा।
– कंपनी के अधिकारियों को परियोजना क्षेत्र में बन रहे पांचों एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का का। अप्रेल तक पूरा करना होगा। मई में टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।
– प्रोजेक्ट में बनने वाले तीनों पार्काें में पौधारोपण का काम फरवरी तक करना होगा।
फैक्ट फाइल
-47 किलोमीटर लम्बी है द्रव्यवती नदी
-1476 करोड़ रुपए खर्च होने हैं सान्दर्यकरण पर
-206 करोड़ रुपए दस साल में खर्च होने हैं रखरखाव पर
– 600 करोड़ रुपए का हुआ है अब तक काम
35 प्रवेश—निकाय द्वार बनेंगे, कमाई 1924 करोड़ का कागजी आंकड़ा..
द्रव्यवती नदी (अमानीशाह नाला) प्रोजेक्ट में प्रवेश—निकास द्वार में भी कई प्वाइंट जोड़ने की तैयारी है। इसके दोनों छोर से सटे हिस्से में बने बाजार, कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स से भी प्रवेश प्वाइंट होंगे। करीब 35 प्रवेश—निकास गेट बनना प्रस्तावित है। नदी के आस—पास करीब 85.62 हैक्टेयर सरकारी जमीन है। इसकी नीलामी या कॉमर्शियल गतिविधि के उपयोग में लेने से करीब 1924 करोड़ रुपए राजस्व जेडीए की तिजेारी में आने का ख्वाब दिखाया गया है।

किसके एरिया में कितनी बेशकीमती जमीन
एजेंसी——————————भूमि (क्षेत्रफल)————— भूमि (अनुमानित बाजार दर)
जेडीए————————— 65.35 हैक्टेयर ——————1343.74 करोड़ रुपए
आवासन मण्डल—— 4.25 हैक्टेयर————————143.92 करोड़ रुपए
रीको—————————— 10.78—————————— 332.4 करोड़ रुपए
पीएचईडी——————— 4.74 हैक्टेयर————————94.8 करोड़ रुपए
सिंचाई————————— 0.5 हैक्टेयर—————————10 करोड़ रुपए
(डीपीआर में यह आकलन किया गया है। जमीन द्रव्यवती नदी से सटी हुई है।)
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