दस महीने में भी नहीं हुआ काम पूरा
निगम के बिजली शाखा के अधिकारियों के मुताबिक ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र के अलावा हैरिटेज निगम में 2.30 लाख सोडियम लाइट्स को एलइडी लाइट्स में बदलना था। अभी तक 10 महीने में करीब 2 लाख लाइट्स ही बदली जा सकी है। फिलहाल काम जारी है। बिजली बिल के पेटे निगम को काफी नुकसान हो रहा है। लाइट्स बदलने का काम ईईएसएल और ईएससीओ कम्पनी को दिया गया है। यह कार्य निगम की ओर से बिजली सेविंग मोड़ पर करवाया जा रहा है। इस काम में कंपनियों का बिजली बिल के बजट का 69.63 प्रतिशत हिस्सा होगा, बाकी खर्चा निगम का होगा।
निगम के बिजली शाखा के अधिकारियों के मुताबिक ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र के अलावा हैरिटेज निगम में 2.30 लाख सोडियम लाइट्स को एलइडी लाइट्स में बदलना था। अभी तक 10 महीने में करीब 2 लाख लाइट्स ही बदली जा सकी है। फिलहाल काम जारी है। बिजली बिल के पेटे निगम को काफी नुकसान हो रहा है। लाइट्स बदलने का काम ईईएसएल और ईएससीओ कम्पनी को दिया गया है। यह कार्य निगम की ओर से बिजली सेविंग मोड़ पर करवाया जा रहा है। इस काम में कंपनियों का बिजली बिल के बजट का 69.63 प्रतिशत हिस्सा होगा, बाकी खर्चा निगम का होगा।
निगम को होगा फायदा
जोनों से वास्तविक डिमांड लेकर हाइमास्ट लाइटों के लिए मुख्यालय स्तर पर वार्षिक दर संविदा की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिन क्षेत्रों में फेजवायर नहीं डाला गया है। निगम अधिकारियों ने बताया कि मई तक सभी भुगतान संबंधी मामलों को निपटाने की चुनौती है। सोडियम लाइट्स को एलइडी लाइट्स में बदलने का काम जल्द पूरा होगा। फेज वाइज काम हो रहा है। इससे निगम को लाभ होगा। कुछ इलाकों में फेजवायर नहीं होने के कारण लाइट्स लगाने का काम बाधित हो रहा है।
जोनों से वास्तविक डिमांड लेकर हाइमास्ट लाइटों के लिए मुख्यालय स्तर पर वार्षिक दर संविदा की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिन क्षेत्रों में फेजवायर नहीं डाला गया है। निगम अधिकारियों ने बताया कि मई तक सभी भुगतान संबंधी मामलों को निपटाने की चुनौती है। सोडियम लाइट्स को एलइडी लाइट्स में बदलने का काम जल्द पूरा होगा। फेज वाइज काम हो रहा है। इससे निगम को लाभ होगा। कुछ इलाकों में फेजवायर नहीं होने के कारण लाइट्स लगाने का काम बाधित हो रहा है।