खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में शुद्ध पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर सहमति बन गई है। अन्य राज्यों से भी ऐसा ही करने का अनुरोध किया जाएगा।
पासवान ने कहा कि उपभोक्ता मामले विभाग, दिल्ली के पेय जल आपूर्ति विभाग, जल बोर्ड, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और नगर निगमों की बैठक में पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर आम सहमति बनी। भरतीय मानक ब्यूरो इस संबंध में राज्यों को पत्र भेजेगा। उन्होंने कहा कि 100 स्मार्ट शहरों में शुद्ध पेयजल के मानक को अनिवार्य रुप से लागू करने की योजना है। वर्ष 2024 तक हर घर में पाइप के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शुद्ध पेयजल का मानक 42 पैरामीटर पर पानी की जांच के बाद निर्धारित किया जाता है, लेकिन दिल्ली का पानी कई बार 12 पैरामीटर को ही पूरा कर पाते हैं। देश में पेय जल का मानक अंतरराष्ट्रीय मानक की तुलना में निम्न किस्म का है।
पासवान ने कहा कि उपभोक्ता मामले विभाग, दिल्ली के पेय जल आपूर्ति विभाग, जल बोर्ड, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और नगर निगमों की बैठक में पेयजल के मानक को अनिवार्य रूप से लागू करने पर आम सहमति बनी। भरतीय मानक ब्यूरो इस संबंध में राज्यों को पत्र भेजेगा। उन्होंने कहा कि 100 स्मार्ट शहरों में शुद्ध पेयजल के मानक को अनिवार्य रुप से लागू करने की योजना है। वर्ष 2024 तक हर घर में पाइप के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शुद्ध पेयजल का मानक 42 पैरामीटर पर पानी की जांच के बाद निर्धारित किया जाता है, लेकिन दिल्ली का पानी कई बार 12 पैरामीटर को ही पूरा कर पाते हैं। देश में पेय जल का मानक अंतरराष्ट्रीय मानक की तुलना में निम्न किस्म का है।