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राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल गुणवत्ता की जांच अटकी

locationजयपुरPublished: Oct 13, 2018 09:14:10 am

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drinking water
जयपुर। मोबाइल जांच लैब वैन का संचालन नहीं होने के कारण राजधानी समेत 13 जिलों में पेयजल गुणवत्ता की जांच अटक गई है। यह जांच समय पर नहीं होने के कारण शिकायत दर्ज कराने के बावजूद लोगों को वही पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

राज्य सरकार ने ऐसी 13 लैब वैन की स्वीकृति दी थी। जलदाय विभाग ने कार्यादेश भी जारी कर दिए लेकिन कुछ अफसरों की लापरवाही के कारण मियाद खत्म होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है।
विभाग की स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री ने स्पेक्ट्रो एनालेटिकल लैब फर्म को कार्यादेश जारी किया था। इसके तहत 3 माह पहले ही 13 जिलों में पेयजल गुणवत्ता जांच का काम शुरू होना तय हुआ था।
लेकिन फर्म ने अब तक न तो टेस्टिंग लैब वैन पहुंचाई, न काम शुरू किया। गौरतलब है कि विभाग राज्य के 20 जिलों में मोबाइल टेस्टिंग वैन भेज चुका है।

लोगों को यह मिलेगी सुविधा
मोबाइल लैब चली तो लोग घर बैठे पेयजल की गुणवत्ता की जांच करा सकेंगे। अभी विभाग के पास केवल एक मोबाइल वैन है, जो जरूरत के आधार पर घूमती है।
लेकिन 33 जिलों में एक ही लैब होने के कारण केवल औपचारिकता ही निभाई जाती रही है। अब काम में देर होने के बावजूद विभाग जिम्मेदार अफसरों को बचाने में जुटा है।

यहां अटकी जांच
जयपुर शहर, जयपुर देहात, भरतपुर, करौली, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, बीकानेर, चूरू, हनुामनगढ़, गंगानगर, अलवर, झुंझुनूं, दौसा, सीकर।
यह है स्थिति
— 33 जिलों में 33 मोबाइल जांच प्रयोगशाला का संचालन तय
— 20 जिलों में मोबाइल वैन ने काम शुरू किया
— 13 जिलों के लाखों लोगों को अब तक नहीं मिली सुविधा
—3 हजार सैम्पल जांचने का लक्ष्य है एक वैन का

लैब चलाने की तिथि निकलने पर अनुबंधित फर्म को नोटिस दिया है। अब भी काम शुरू नहीं किया तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
राकेश माथुर, चीफ कैमिस्ट, जलदाय विभाग

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