किशमिश पाचन क्रिया को भी दुरूस्त करते हैं। किशमिश अन्य जरूरी पोषक तत्वों के साथ-साथ फाइबर से भी समृद्ध होते है और फाइबर भोजन को पचाने में सहायता करता है और कब्ज से भी राहत दिलाता है। इस तरह पाचन को मजबूती मिलती है।
उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर रात को आधा गिलास पानी में 8-10 किशमिश भिगो दें। सुबह उठकर बिना कुछ खाएं किशमिश के पानी को पी लें। भीगे हुई किशमिश भी खा सकते हैं। इससे कुछ दिन में ब्लड प्रेशर की परेशानी दूर हो जाएगी।
किशमिश आंखों के लिए गुणकारी होते हैं। इसमें पॉलीफेनोलिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स नामक जरूरी तत्व प्रचुर मात्रा में होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। किशमिश में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
लिवर कमजोर होने पर रोज किशमिश वाला पानी पीना चाहिए। किशमिश का पानी तैयार करने के लिए आप बस रात को सोने से पहले 10 से 15 किशमिश पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट किशमिश सहित पानी को पी लें।
अंगूर को सूखाने के बाद उसमें मौजूद पोषक तत्व अधिक केंद्रित हो जाते हैं। रोजाना आधा मुट्ठी किशमिश नाश्ते में ले सकते है। ये आपको दिन भर ऊर्जावान बनाए रखेंगे। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट भी एनर्जी का अच्छा स्रोत है।
खानपान में गड़बड़ी के कारण एसिडिटी हो जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए किशमिश मददगार होते हैं। किशमिश में पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व एसिडिटी को कम करने का काम करते हैं।
किशमिश मुंह और दांतों के लिए भी गुणकारी होते है। इसमें ओलीनोलिक एसिड होता है, जो दांतों को टूटने से और कैविटीज से बचाता है। किशमिश दांतों की बेहतर स्थिति बनाए रखने के लिए मुंह में बैक्टीरिया के विकास को भी रोकता है।
किशमिश को खाने का सबसे सही समय सुबह का होता है और किशमिश से अधिक लाभ शरीर को मिले इसलिए इनको भिगोकर खाना बेहतर माना जाता है। किशमिश को दूध के साथ में भी खा सकते हैं। दूध के साथ किशमिश को खाने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है। इसके अलावा बादाम के साथ या फिर खीर के अंदर भी किशमिश को डालकर खा सकते हैं।