इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में जेएलएल, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, बैंक ऑफ बड़ौदा, मैकमिलन, मेट्रोपोलिस आदि जैसे 80 से अधिक संगठनों के 100 से अधिक उद्योग जगत के उल्लेखनीय गणमान्य सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में डीएसईयू की वाईस चांसलर प्रो. (डॉ.) नेहारिका वोहरा ने कहा, आइए हम सभी एक सेकंड का समय लेकर इस बात पर गौर करें की उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालय, उद्योग एवं समुदाय का एक सहयोगी प्रयास बनाने की स्पष्ट आवश्यकता है। यदि हम एक विश्वविद्यालय के रूप में सिर्फ किताबों के साथ पढ़ाते रहें एवं अपने छात्रों को वास्तविक दुनिया के लिए तैयार न करें, और अगर उद्योग प्रतिभा एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी के बारे में शिकायत करता रहता है तो अकादमिक एवं उद्योग दोनों को जिम्मेदारी स्वीकार करने और यह देखने की जरूरत है कि हम एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि छात्रों को वह पढ़ाया जा रहा है जो 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक है। मैं छात्रों को उद्योग जगत के व्यक्तिजानो के साथ जोड़ने एवं उनकी जरूरतों के अनुसार सीखने का अवसर प्रदान करने से बेहतर तरीके के बारे में नहीं सोच सकती।
वोहरा ने कहा कि सभी कार्यक्रमों में उद्योग के सहयोग के साथ, हमारे छात्र समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जैसा कि नई शिक्षा नीति में भी जोर दिया गया है। मैं अपने सभी 80+ उद्योग भागीदारों का आभार व्यक्त करना चाहती हूँ जो युवाओं को प्रासंगिक ज्ञान एवं कौशल प्रदान करने के दृष्टिकोण को साझा करते हैं एवं पाठ्यक्रम विकास, अनुभवात्मक शिक्षा, उद्योग के दौरे आदि में हमारा समर्थन कर रहे हैं।
एंगेजमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड एकेडमिया पर एक पैनल चर्चा के साथ हुई, जिसमें सम्मानित पैनलिस्ट संजीव बिखचंदानी, सह-संस्थापक, इन्फो एज, डॉ अलका मित्तल, पूर्व सीएमडी, ओएनजीसी, संजीव वशिष्ठ, एमडी और सीईओ, पाथ काइंड लैब्स, राजेश पंडित, एमडी, सीबीआरई, डॉ. अमित कर्ण, प्रोफेसर ऑफ़ स्ट्रेटेजी, आईआईएम अहमदाबाद ने भाग लिया। पैनलिस्टस ने विश्वविद्यालयों को एक प्रतिभा केंद्र एवं नवोदित उद्यमियों के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में, अकादमिक आदानों को समृद्ध करने में उद्योग की भूमिका (सह-नवाचार, संयुक्त अनुसंधान और उत्पाद विकास), डिप्लोमा स्नातकों और कुशल स्नातकों से स्वीकृति और अपेक्षाओं, विश्वविद्यालय और उद्योग को छात्रों को चोइस मेकिंग, समस्या समाधान और खुद में निवेश करने की तैयारी में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर विचार साझा किए।