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‘कोरोना काल’ ने बदला शादियों का तरीका, मेहमानों पर लगी ‘पाबंदी’

locationजयपुरPublished: Jun 29, 2020 05:53:44 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

सामूहिक विवाह: अपने-अपने घरों में गठबंधन में बंधे 650 जोड़े

'कोरोना काल' ने बदला शादियों का तरीका, मेहमानों पर लगी 'पाबंदी'

न्यू जागृति सामाजिक सेवा संस्थान की ओर दिए सामान

जयपुर। कोरोना काल में शादियों का रंग ही बदल गया है। पहले जहां सामाजिक दूरी कम करने का पैमाना शादियां होती थी। वहीं अब शादियों में सामाजिक दूरी बनाने के लिए सरकारी गाइडलाइन की पालना करना जरूरी हो गया है। वहीं 50 से अधिक मेहमानों पर शादी वालों को जुर्माना भरना पड़ रहा है। जी, हां भड़ल्या नवमी पर आज अबूझ सावा होने से पाबंदियों के बीच राजधानी जयपुर में सादगीपूर्वक शादियां हो रही हैं। शादियों में बैंड-बाजा और शहनाइयों की गूंज सुनाई नहीं देगी। प्रवेश द्वार पर मेहमानों का स्वागत सेनेटाइजर गेट से होगा। भोजन भी पंगत या टेबल कुर्सी पर करना होगा। इसके अलावा गृह प्रवेश, नींव का मुहूर्त सहित अन्य शुभ कार्यों के लिए भी शुभ मुहूर्त है।
राजस्थान टेंट डीलर किराया व्यवसाय समिति प्रदेशाध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि शादियों में सेनेटाइजर, मास्क का इस्तेमाल सहित सामाजिक दूरी का पालना करने की भी पार्टियों से अपील की है। 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को न बुलाने, रात 9 बजे तक सभी कार्यक्रम निपटाने की अपील की है। जयपुर में सोमवार को 600 से अधिक शादियां होने का अनुमान है। वहीं प्रदेश की बात करें तो चार हजार शादियां होने की संभावना है। जयपुर के करीब 25 फीसदी विवाह स्थल बुक हो चुके हैं। इसके अलावा विभिन्न समाजों की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलन होंगे। इसमें विवाह की सभी रस्में वधू पक्ष के घर पर ही होंगी। इसी क्रम में न्यू जागृति सामाजिक सेवा संस्थान की ओर से 12वां सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन आज आयोजित किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन की गाइड लाइन की पालना में विवाह एक स्थान पर न करवा कर अपने-अपने निवास स्थान से करवाया जा रहा है। संस्थान के प्रदेश प्रवक्ता धर्मराज बगड़वा ने बताया कि इस बार प्रदेशभर से 501 जोड़ों का लक्ष्य रखा था, लेकिन लक्ष्य से ज्यादा जोड़ों का पंजीयन हुआ। संस्थान की ओर से 650 जोड़ों का पंजीयन हुआ है। संस्थान की ओर से सहायता प्रदान की गई। संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रामदयाल बड़ोदिया ने बताया कि संस्थान की ओर से वर-वधु को दो सौ लोगों का भोजन, मिठाई व राशन सामग्री, सौ वर्गगज का भूखंड, 3 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा, मंगल सूत्र, सोने की नाक-कान की बाली, चांदी के पायजेब व बिछिया दुल्हन के कपड़े, वर-वधु को हाथ घड़ी, डबल बैड, सेंटर टेबल, दो कुर्सी, ड्रेसिंग टेबल, चौकी, 21 बर्तन सेट, कलर टीवी, पंखा, दीवार घड़ी, वरमाला व तोरण थाम आदि दिए जा रहे हैं।
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