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गदर्भ मेले के आयोजन पर कोरोना ने फेरा पानी, पशुपालक निराश

locationजयपुरPublished: Oct 25, 2020 09:14:22 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

नगर निगम और खलकाणी सेवा संस्थान की ओर से होता था चार दिवसीय मेला

गदर्भ मेले के आयोजन पर कोरोना ने फेरा पानी, पशुपालक निराश

गदर्भ मेले के आयोजन पर कोरोना ने फेरा पानी, पशुपालक निराश

जयपुर। आगरा रोड स्थित भावगढ़ बंध्या में लगने वाले विख्यात खलकाणी माता के गदर्भ मेला कोरोना के मद्देनजर निरस्त हो गया है। हर साल नगर निगम और खलकाणी माता मानव सेवा संस्थान की ओर से मेला आयोजित होता था। इस बार मेला नहीं होने के बावजूद पशुपालक यहां पर घोड़े घोड़ी व गधों के साथ पहुंचे। हालांकि इस बार गधों की संख्या बहुत ही कम रही। मेले में पशुओं के आने और खरीद-फ रोख्त होने से मेला भरने की सदियों पुरानी परंपरा इस बार नहीं हुई।
चार दिवसीय होता था आयोजन


प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्र में यहां सप्तमी से दशहरा तक चार दिवसीय मेला लगता है। जयपुर नगर निगम की ओर से व खलखाणी माता मानव सेवा संस्थान के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह चार दिवसीय मेला इस बार 23 से 26 अक्टूबर तक आयोजित होना था। सेवा संस्थान के संरक्षक ठा. उम्मेद सिंह राजावत ने बताया कि इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब गदर्भ मेले का आयोजन नहीं होगा। कोरोना के कारण सदियों से चली आ रही मेला भरने की परंपरा इस बार टूट जाएगी। पशु पालकों इस मेले का पूरे सालभर इंतजार रहता है।
निराश होकर लौटे पशुपालक
मेले में नायला से आए चंदालाल मीणा का कहना है कि मेले के हिसाब से उन्होंने पहले ही घोड़ के खरीद लिए थे, लेकिन मेले में अधिक कीमत के पशुओं के खरीदार नहीं आए। भरतपुर, धौलपुर, भींड, हाथरस, मथुरा पशुपालक घोड़े की खरीदारी करने पहुंचे, लेकिन ज्यादा संख्या में पशु नहीं आने से निराश होकर लौट गए। संरक्षक ठाकुर उम्मेद सिंह राजावत ने बताया कि हर साल में मेले में करीब 2000 गधे,घोड़े-घोडिय़ां व खच्चर बिकने
के लिए आते हैं। नगर निगम की ओर से लाइट-पानी की व्यवस्था करता था और संस्थान पर्यटन विभाग व निगम के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रम व अन्य आयोजन करवाती थी। इस बार कोरोना के कारण व्यवस्थाएं नहीं की गईं।
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