पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने वर्ष 2008-09 में झारखंड के संदिग्ध लोगों के पैर जमाने संबंधी गोपनीय रिपोर्ट दी तो माहौल बिगाडऩे का हवाला देकर उक्त पुलिस अधिकारी के 6 से अधिक इंक्रीमेंट रोक दिए गए थे। जबकि उक्त रिपोर्ट के कुछ साल बाद प्रदेश के एक हिस्से में उपद्रव हुआ था।
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट!
सूत्रों के अनुसार ताजा हालात को लेकर गृह मंत्रालय ने भी रिपोर्ट मांगी है। पुलिस मुख्यालय ने राज्य के गृह विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध करवाई है, जो गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।
बाहरी राज्यों के लोगों की पहचान में जुटी पुलिस पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि डूंगरपुर में उत्पात मचाने वाले लोग बाहरी राज्यों के हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की है। पुलिस बाहरी लोगों की पहचान करने में जुटी है।
”इंटेलिजेंस से कई बार इनपुट मिलता रहता है। यह भी सही है कि कई बार देर हो जाती है लेकिन डूंगरपुर में अब स्थिति काबू में है।”
– भूपेन्द्र सिंह, डीजीपी, राजस्थान डूंगरपुर में 24 प्रकरण दर्ज, पुलिस गोली से 2 लोगों की जान गई
डूंगरपुर जिले में हुए उपद्रव को लेकर पुलिस ने कुल 24 प्रकरण दर्ज किए हैं। पुलिस मुख्यालय ने रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की है। पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि जान-माल की सुरक्षा के लिए बल प्रयोग करना पड़ा और गोली चलानी पड़ी। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए। घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनी तैनात की गई हैं। भारी पुलिस बल के साथ आरएसी की 6 कंपनी तैनात हैं।
अभी भी गर्माया हुआ है मामला शिक्षक भर्ती के अनारक्षित पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर रविवार को चौथे दिन भी उग्र प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर खेरवाड़ा में जनजाति अभ्यर्थियों के साथ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक के बाद शाम को जनजाति अभ्यर्थियों ने डूंगरपुर जिले के कांकरी डूंगरी से धरना समाप्त कर दिया। इसके साथ ही उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे खोल दिया गया। लेकिन शाम को प्रदर्शनकारियों ने ऋषभदेव और झाड़ोल में धावा बोल दिया।
ऋषभदेव में कस्बावासियों ने लाठी-हथियार लहराए तो प्रदर्शनकारी भाग गए और पहाडिय़ों से पथराव किया। हालात पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों ने झाड़ोल गांव में उदयपुर-झाड़ोल मार्ग जाम कर दिया और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव शुरू कर दिया। इससे तहसीलदार की गाड़ी के कांच टूट गए, चालक व एएसआई को चोटें आई। दोनों जगह उपद्रवी पहाडिय़ों पर डेरा डाले रहे।