दमिश्क. सीरिया में जारी गृहयुद्ध में लाखों सीरियाई विवाहित युवकों की मौत हो चुकी है। विधवा हो चुकी इनकी पत्नी साथी की तलाश में दोबारा से शादी कर रही हैं। पुरुष भी तीन से चार शादियां कर रहे हैं। 2015 में एक से ज्यादा शादी करने वाले ऐसे लोगों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ी। तलाक देने वाले 25 फीसदी तक बढ़े हैं।
खाने को पैसा नहीं, मजबूरन कर रही दूसरी या तीसरी शादी
सीरियाई सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि साल 2010 के मुकाबले एक से ज्यादा शादी करने वालों लोगों की संख्या का आंकड़ा अब पांच फीसदी तक बढ़ गया है। दरअसल, पुरुषों की लगातार हो रही मौत से परिस्थितियां तेजी से बदली हैं। महिलाएं विधवा हो रही हैं। ऐसे में, दोबारा से शादी करना ही एक मात्र रास्ता बचा है। छह माह पहले 31 वर्षीय महा के पति भी आईएस के हमले में मारे गए थे। दो बच्ची की इस मां ने अपनी बहन की सलाह पर किसी विवाहित पुरुष से शादी कर ली। वो कहती हैं कि शादी करना मजबूरी रही क्योंकि मैं अकेले दो बच्चों को नहीं पाल सकती हूं। महा के नए पति मोहम्मद कहते हैं कि युद्ध के कारण सभी शहरों में महिलाओं की संख्या ज्यादा हो गई है। पुरुष हमलों में मर चुके हैं और मर रहे हैं। बकौल मोहम्मद, मैंने और मेरे चार दोस्तों ने विधवा हो चुकी ऐसी महिलाओं से शादी करने का फैसला किया है।
अब तक करीब तीन लाख लोगों की मौत
साल 2011 से सीरिया में अशांति और विरोध प्रदर्शन का दौर चला आ रहा है। तीन गुट में लड़ाई जारी है। एक ओर वहां की सरकार है। उसका समर्थन रुस और ईरान दे रहे हैं तो दूसरी ओर अमरीका और यूएई के नेतृत्व में विपक्ष सरकार से लड़ाई लड़ रहा है। आईएस तीसरा गुट बनकर लड़ रहा है। यह दोनों गुटों पर हमले कर रहा है। इनकी लड़ाई में अब तक 2 लाख 90 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग देश छोड़कर यूरोप की ओर पलायन कर चुके हैं।
सात हजार लोगों ने दिया तलाक
साल 2015 में सात हजार लोगों ने अपने जीवसाथी को तलाक दिया। इन्होंने बाद में किसी और से शादी कर ली। इतनी ज्यादा संख्या में तलाक देने का यह रिकॉर्ड है। वर्ष 2010 में 5318 लोगों ने तलाक लिया था। 25 साल की मारवी कहती हैं कि उसकी 18 साल में शादी हो गई थी। पति आईएस के हमले में दो साल पहले मारा गया। तीन बच्चे हैं तो परिवार ने जबरदस्ती कर 68 साल के एक कारोबारी से शादी करा दी।