मामले के सह आरोपी को जमानत मिल चुकी है। जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि आरोपी प्रिया ने ही ऐप के जरिए दुष्यंत को हनीट्रेप में फंसाया था। उसने ही फोन कर दुष्यंत को फ्लैट पर बुलाया था। जिस फ्लैट पर युवक की हत्या हुई थी वह प्रिया ने ही किराए पर लिया था।
मामले में कुल 44 गवाह हैं जिनमें से 40 की गवाही हो चुकी है और कुछ दिन में ही फैसला हो जाएगा। जिस पर न्यायाधीश पंकज भंडारी ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया। दुष्यंत की लाश आमेर की पहाड़ियों में एक सूटकेस में बंद मिली थी। मामले में पुलिस ने प्रिया सेठ और उसके साथी को गिरफ्तार किया था।
ऐसे दिया था वारदात को अंजाम
प्रिया ने बजाज नगर में एक लक्जरी फ्लैट किराए पर लिया हुआ था। सहयोगियों के साथ मिलकर फ्रेंडशीप एप के जरिए झोटवाड़ा निवासी दुष्यंत शर्मा से जान पहचान की। सहयोगियों ने मोबाइल से एमएमएस बनाकर दुष्यंत को ब्लैकमेल किया। इसके बाद 2 मई 2018 की रात को दुष्यंत का अपहरण कर टॉर्चर किया। फिर उसके पिता से 10 लाख रुपए फिरौती की मांग की। तीन लाख दुष्यंत के अकाउंट में जमा होने पर दुष्यंत की गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर चाकू से ताबड़ताेड़ वारकर चेहरा बिगाड़ दिया। इसके बाद लाश को एक सूटकेस में डालकर कार में रखा और आमेर इलाके में सड़क किनारे फेंक आए थे। यह मामला प्रदेश ही नहीं देशभर में चर्चित रहा है।