रावण दहन के समय उसकी नाभि और सिर पर अग्निचक्र चलेगा। रावण की तलवार से चिंगारियां फूटेंगी। रावण के दसों सिर एक-एक कर आग से नष्ट होंगे। वहीं आतिशबाजी में आसमान में शानदार नियाग्रा फाल का नजारा बनेगा। आसमान में आतिशबाजी की स्टार वार होगी। हवाईयां गगन को चूमने के लिए उड़ेंगी। आसमान में खजूर के पेड़ की आकृति दिखेगी। वहीं आसमान में सुनहरी मटका चमकेगा और अशर्फियां गिरती हुई नजर आएगी। जमीन पर भी आतिशबाजी की विभिन्न आकृतियां दिखाई पड़ेगी।
श्रीराम मंदिर प्रन्यास श्रीसनातन धर्म सभा के तत्वावधान में सबसे बड़ा दशहरा महोत्सव दशहरा मैदान में आयोजित हो रहा है। इसके लिए यहां रावण के साथ कुंभकरण के पुतलों अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्हें रंगीन पन्नियों और बिजली की झालरों के साथ सजाया गया है। यहां कुंभकरण भी करीब ९० फीट से अधिक बड़ा होगा। दशहरा पर रावण दहन से पहले श्रीराम की शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। श्रीराम मंदिर से शोभायात्रा शुरू होगी, जिसमें लवाजमे के साथ भगवान राम और लक्ष्मण के स्वरूप साथ शामिल होंगे। एक झांकी पंचवटी और स्वर्ण मृग की होगी। इसमें ताडक़ा वध की झांकी बच्चों का मन मोह लेगी। श्रीनाथजी की झांकी भी आकर्षण का केन्द्र होगी। शोभायात्रा पंचवटी सर्किल, राजापार्क चौराहा, ध्रुवमार्ग, श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, श्रीकृष्ण परनामी मंदिर, श्री कृष्णा मंदिर, बीस दुकान, फ्रन्टियर कॉलोनी, बर्फखाना, मामा की होटल, पुलिया नम्बर 1 से होती दशहरा मैदान पहुंचेगी। रास्ते में व्यापार मण्डल और धार्मिक संगठनों की ओर से शोभायात्रा का स्वागत किया जाएगा। शोभायात्रा दहशरा मैदान पहुंचेगी। इसके बाद दशहरा मैदान में श्रीराम स्वरूप अग्निबाण चलाकर रावण की नाभि का अमृतकुण्ड सुखाएंगे। इसके साथ ही आतिशबाजी के बीच रावण दहन होगा।