कंसल्टेंट के माध्यम से तैयार की जाने वाली डीपीआर की समीक्षा के बाद ही अंतिम रूप दिया जाए ताकि विकास कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे।
3-4 साल में काम पूरा करने के निर्देश..
प्रदेश में बेहतर सड़क तंत्र विकसित करने की कार्य योजना की अवधि भी 10 वर्ष से घटाकर तीन से चार वर्ष किए जाने के निर्देश दिए ताकि निर्धारित समय में सड़क विकास के कार्य पूरे हो सकें।प्रदेश की नई सड़क नीति में रहेगा ये शामिल
डिप्टी सीएम पायलट ने बताया कि प्रदेश की नई सड़क नीति को तैयार करने में यह ध्यान रखा गया है कि मौजूदा सड़क तंत्र संरक्षित रहे, छोटे से छोटा गांव सड़क नेटवर्क से जुड़ सके, सड़के यातायात संचालन के लिए सुरक्षित रहे, सड़कों पर यातायात संचालन ( Road traffic management ) की लागत कम से कम हो, सड़क तंत्र इको फ्रेन्डली ( eco friendly ) हो तथा सड़क तंत्र के निर्माण एवं संचालन की लागत पूर्व की तुलना में कम रहे। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण कार्यों के साथ-साथ सड़कों के किनारे पेड़ लगाए जाने की एक प्रभावी कार्य योजना बनाकर इसे लागू किया जाए।दुर्घटना संभावित स्थानों की होगी पहचान
पायलट ने निर्देश दिए कि दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान और उन्हें दुरुस्त किए जाने सम्बंधी रोड सेफ्टी ऑडिट ( Road Safety Audit ) पर जोर दिया जाए। सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए विभिन्न सड़कों पर चिन्हित ब्लैक स्पॉट दूर करने के काम में भी तेजी लायी जाए। साथ ही प्रदेश में स्थित सभी पुलों की नियमित सेफ्टी ऑडिट आवश्यक रूप से करवाई जाए।