इधर, आम लोगों का ई-नीलामी में बड़े शराब ठेकेदारों से मुकाबला करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में बड़े ठेकेदार समूहों का एकाधिकार फिर पनप सकता है। वित्त विभाग ने आबकारी विभाग की ओर से जारी नई नीति में इस बार काफी बदलाव किए हैं। पहली बार प्रदेश की देशी-अंग्रेजी शराब दुकानों को कम्पोजिट कर दिया गया है। ऐसे में अब प्रत्येक दुकान पर अंग्रेजी-देशी शराब और बीयर एकसाथ मिलेगी।
वहीं पन्द्रह साल से चल रही लॉटरी प्रक्रिया को बदलकर ई-नीलामी प्लेटफॉर्म तय किया गया है। अब तक साढ़े 3 लाख से पौने 6 लाख तक आवेदन मिलते आए हैं। इनसे विभाग को पिछले वर्षों में आवेदन शुल्क के रूप में ही 1100 करोड़ तक की कमाई हो चुकी है। आवेदन शुल्क राशि नॉन रिफण्डेबल होती है।
गत वर्षों में मिले आवेदन और उससे शुल्क-
वित्तीय वर्ष – आवेदन (लाख में) – आय (करोड़ में)
2017-18 – 5.74 – 1100
2018-19 – 5.21 – 836
2019-20 – 4.25 – 1050
2020-21 – 3.50 – 800
2021-22 – रविवार तक करीब 16500 आवेदन
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अब साढ़े 16 हजार आवेदन, पहले मिल चुके पौने 6 लाख तक-
राज्य की 7665 शराब दुकानों के लिए 12 फरवरी से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चालू है लेकिन 10 दिन में करीब 16500 लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। इस तरह औसतन प्रत्येक दुकान के लिए लगभग दो लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि पिछले वर्षों में आवेदन करने वालों की संख्या 3.50 से 5.74 लाख तक रही है।
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जयपुर में 712 ने कराया रजिस्ट्रेशन-
जयपुर में 404 दुकानों के लिए रविवार रात तक 712 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। यह औसत एक दुकान पर दो का भी नहीं है। जबकि पूर्व के वर्षों में जयपुर की इन दुकानों के लिए 35 हजार से अधिक आवेदन मिलते आए हैं।
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राज्य की सभी दुकानों की 23 से 27 तक पांच चरणों में होगी लॉटरी-
दुकानों की ई-नीलामी 23 से 27 फरवरी तक 5 चरणों में होगी। प्रत्येक चरण की नीलामी में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले को नीलामी शुरू होने से एक दिन पहले आवेदन शुल्क और अमानत राशि ऑनलाइन जमा करानी होगी। यह राशि ई-नीलामी करने वाली फर्म एमएसटीसी के खाते में जमा होगी। हर जिले की दुकानें प्रत्येक चरण की नीलामी में शामिल की जाएंगी।
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पड़ोसी राज्यों और विदेशों से भी मिलते रहे हैं आवेदन-
लॉटरी प्रक्रिया में राजस्थान के आलावा दर्जनभर पड़ोसी राज्यों और विदेशों से भी आवेदन आते रहे हैं। एक बार तो दूसरे राज्यों से 51 हजार आवेदन मिले थे।