सड़क बनाने के लिए जिस काले पदार्थ का प्रयोग किया जाता उसे टार कहते है.सिगरेट में भी टार मौजूद होता है.जो फेफड़ों में जाकर जमा हो जाता है और कैंसर का कारण बनता है.
तंबाकू में खासतौर पर निकोटिन पाया जाता है जो एक तरह का पेस्टिसाइड (उर्वरक) है, निकोटिन आमतौर पर पौधों के कीड़े मारने के काम आता है. यह शरीर में पहुंचते ही मस्तिष्क पर असर दिखाता है और तलब को बढ़ाता है, जिसके आप बार-बार सिगरेट पीने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
कार्बन मोनो ऑक्साइड भी सिगरेट में मौजूद खतरनाक तत्व है. कार से निकलने वाले काले धुंए में भी कार्बन मोनो ऑक्साइड होता है. यह आपकी सांसों के द्वारा फेफड़ों तक पहुंचता है और आपको शरीर का नुकसान पहुंचाता है.
अमोनिया का प्रयोग टॉयलेट साफ करने वाले लिक्विड (टॉयलेट क्लीनर) और उर्वरक में किया जाता है. अमोनिया एक जहरीली गैस होती है.जिसका प्रयोग सिगरेट में भी किया जाता है. एसिटोन
सिगरेट में एसिटोन भी होता है. एसिटोन एक तरह का लिक्विड होता है, जिसका प्रयोग नेल पॉलिक रिमूवर में भी किया जाता है. इंसानों के लिए इस तरह के तत्वों का सेवन कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता है.