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गलत डाटा पेश करके घाटा दिखा रही है ई कामर्स कंपनियां

locationजयपुरPublished: Dec 15, 2019 09:31:50 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

स्वदेशी जागरण मंच Swadeshi Jagran Manchके राष्ट्रीय संगठक कश्मीरीलाल ने कहा है कि ई कॉमर्स वाली कंपनिया गलत डाटा पेश करके घाटा दिखा रही है। कई बड़ी कंपनियां ऐसा कर रही है, इस कारण देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निष्पक्ष मूल्यांकन की जरूरत है।

E-commerce companies showing losses by presenting incorrect data

गलत डाटा पेश करके घाटा दिखा रही है ई कामर्स कंपनियां

जयपुर

स्वदेशी जागरण मंच Swadeshi Jagran Manch के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरीलाल ने कहा है कि ई कॉमर्स वाली कंपनिया गलत डाटा पेश करके घाटा दिखा रही है। कई बड़ी कंपनियां ऐसा कर रही है, इस कारण देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निष्पक्ष मूल्यांकन की जरूरत है। सार्वजनिक कंपनियां जिस तरह से काम कर रही है उनकी आवश्यकता, टर्नओवर, बाजार आदि के अध्ययन के बाद ही उनके विनिवेश की रणनीति बनाई जानी चाहिए ।
कश्मीरी लाल ने घाटे में चल रही एयर इंडिया और बीपीसीएल की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश का जो तरीका काम में ले रही है, वह गलत है। इसके विनिवेश के तरीके बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के वित्तीय और अन्य दस्तावेजों की जांच से पता चलता है कि इसके ऋण और परिसंपत्तियों के पुनर्गठन से न कवेल कपंनी की देनदारियों को कम किया जा सकता है, बल्कि इसे पुन: मुनाफे में लाया जा सकता है।
कमश्मीरी लाल ने जयपुर में स्वदेशी जागरण मंच की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एयर इंडिया के घाटे की घाटे की वजह कर्ज की मूल एवं ब्याज की अदायगी है। इसे खराब संपत्ति कहना अनुचित है। उन्होंने स्वदेशी उद्योग धंधों को प्राथमिकता देने की बात करते हुए कहा कि जिस तरह से मेक इन इंडिया का नारा दिया गया है, उसकी जगह मेड इन इंडिया का नारा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि बड़ी कंपनियां भारत में मेक इन इंडिया के तहत किसी भी वस्तु को बनाने के बजाय केवल कुछ पार्ट्स ही तैयार करती है, लेकिन छूट उसके सारे पार्ट्स के आधार पर ले लेती है। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
आरएसएस मुख्यालय भारती भवन में हुई स्वदेशी जांगरण मंच की बैठक में क्षेत्रीय वृहत आर्थिक साझेदारी “आरसीईपी” से भारत को अलग करने पीएम नरेन्द्र मोदी के फैसले का स्वागत किया गया। बैठक में रासायनिक खेती से होनेवाले नुकसानों पर चर्चा के साथ ही आर्गनिक खेती बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाने का आव्हान किया गया।

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