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उद्योगों के लिए राहत पैकेज की शीघ्र घोषणा जरूरी

locationजयपुरPublished: May 09, 2020 06:10:40 pm

जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री ( Minister of Industry and State Enterprises ) परसादी लाल मीणा ने केन्द्र सरकार ( Central Government ) से एमएसएमई उद्योगों ( MSME industries ) सहित सभी उद्योगों ( industries ) को लिए राहत पैकेज ( relief package ) शीघ्र घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 1600 करोड़ रुपए के ईएसआई फण्ड से श्रमिकों के वेतन का सीधे उनके खातों में भुगतान किया जाए, ताकि श्रमिकों को समय पर वेतन और उद्यमियों को राहत मिल सके। उद्योग मंत्री मीणा ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक

उद्योगों के लिए राहत पैकेज की शीघ्र घोषणा जरूरी

उद्योगों के लिए राहत पैकेज की शीघ्र घोषणा जरूरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उद्योगों के प्रति संवेदनशील है और यही कारण है कि 7 मई को ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों व प्रमुख उद्यमियों से संवाद कायम किया है। इससे पहले 10 अप्रेल को भी औद्योगिक संघों से सीधा संवाद कायम कर समस्याओं को जाना और हर संभव समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के पैकेज में औद्योगिक इकाइयों के लिए कर्ज की सहज उपलब्धता, ब्याजदर में रियायत, जीएसटी में छूट आदि की शीघ्र घोषणा की जानी चाहिए, ताकि देश के उद्योग-धंधों को पटरी पर लाया जा सके और अर्थ व्यवस्था गति पकड़े।
मीणा ने कहा कि पहले चरण में प्रदेश की आटा, दाल, बेसन, तेल आदि मिलों में उत्पादन जारी रखने को कहा गया वहीं लॉक डाउन के तीसरे चरण आते आते प्रदेश के कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्रों को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों के रीको औद्योगिक क्षेत्र, निजी औद्योगिक क्षेत्र, औद्योगिक पार्क, विशेष आर्थिक जोन और ग्रामीण क्षेत्र की सभी इकाइयों के साथ ही नगरीय सीमा की एकल इकाइयों को औद्योगिक गतिविधियों के लिए अनुमत किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों के वे ब्रीज भी शुरु करने की अनुमति दे दी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि उद्यमियों की आशंकाओं को दूर करने से उनमें विश्वास जगा है और बड़े उद्योगों सहित एमएसएमई उद्योग खुलने लगे है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 9 हजार से अधिक उद्योगों ने काम शुरु करने की पहल की है। इसके साथ ही राज्य में 200 से अधिक बड़े कारखानों में उत्पादन कार्य आरंभ होने से इनकी सहायक इकाइयों में भी काम होने लगा है। इससे बड़ी संख्या में लोग काम पर आने लगे हैं और उत्पादन व रोजगार की शृंखला बनी है।
एसीएस उद्योग डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में काम पर आने वाले श्रमिकों की संख्या में ओसतन प्रतिदिन 10 से 15 हजार श्रमिकों की बढ़ोतरी हो रही है। प्राप्त आंरभिक सूचनाओं के अनुसार एक लाख 90 हजार के करीब श्रमिक काम पर आने लगे हैं।
उद्योग आयुक्त मुक्तनन्द अग्रवाल ने बताया कि औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के साथ ही कोरोना महामारी से बचाव भी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता होने के कारण उद्यमियों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवायजरी, सुरक्षा प्रोटोकाल की पालना और सोशल डिस्टेंस की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के निर्बाध संचालन के लिए व्यवस्थाओं व प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। इसी से अब अनुमत श्रेणी में अधिकांश गतिविधियां ग्रीन, ओरेंज व रेड़ जोन में जोन के अनुसार काम आरंभ होने की तेजी से पहल होने लगी है।
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