केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने ऑनलाइन आयोजन में ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) 2020 और नगर पालिका कार्य निष्पादन सूचकांक (एमपीआई) 2020 की अंतिम रैंकिंग जारी की। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 की उन शहरों के लिए घोषणा की गई, जिनकी जनसंख्या दस लाख से अधिक और दस लाख से कम है। मूल्यांकन प्रक्रिया में 111 शहरों ने भाग लिया।
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में बेंगलुरु सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहर के रूप में उभरा। जबकि इसके बाद पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयंबटूर, वडोदरा, इंदौर और ग्रेटर मुंबई का स्थान रहा। इसमें दिल्ली 13 वें, रायपुर 18 वें, भोपाल 19 वें, जोधपुर 21वें, जयपुर 23 वें, ग्वालियर 31वें, जबलपुर 43, कोटा 44 वें स्थान पर है। 10 लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में शिमला ईज ऑफ लिविंग में सर्वोच्च स्थान पर रहा। वहीं इसके बाद भुवनेश्वर, सिलवासा, काकीनाडा, सलेम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे, और तिरुचिरापल्ली रहे। जबकि अजमेर 12, सागर 25, उज्जैन 33, उदयपुर 48 और सतना 61 वें स्थान पर रहा है।
-नगर पालिका सेवा में भोपाल तीसरे स्थान पर नगर पालिका सेवा 2020 के तहत 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाली नगरपालिका में इंदौर सबसे अधिक रैंक वाली नगरपालिका के रूप में उभरा है। इसके बाद सूरत और भोपाल का स्थान रहा है। रायपुर 7, जयपुर 19, ग्वालियर 34, जबलपुर 43, जोधपुर 46 और कोटा 50 वें स्थान पर रही। जबकि दस लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद शीर्ष स्थान पर रही। उदयपुर 8, उज्जैन 19, सागर 40, अजमेर 41 और सतना 54 वें स्थान पर रही।
क्या है ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स ईओएलआई एक मूल्यांकन उपकरण है जो जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास के लिए विभिन्न पहलों के प्रभाव का आकलन करता है। यह जीवन की गुणवत्ता, शहर की आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलापन के आधार पर देश भर के प्रतिभागी शहरों की व्यापक समझ उपलब्ध कराता है। इस मूल्यांकन में सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) के माध्यम से नगर के प्रशासन द्वारकी ओर से उपलब्ध कराई गई सेवाओं के बारे में नागरिकों के दृष्टिकोण भी शामिल हैं।
क्या है नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक एमपीआई को ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के सहायक के रूप में लॉन्च किया गया था। यह सेवाओं, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन के सभी क्षेत्रों में नगरपालिकाओं में स्थानीय शासन प्रणाली की जांच करता है। यह स्थानीय शासन प्रणाली में जटिलताओं का सरलीकरण और मूल्यांकन करने के साथ-साथ पारदर्शिता और जवाबदेही के लोकाचार को भी बढ़ावा देता है।