आरटीई राशि को आमने सामने हुए शिक्षा विभाग और निजी स्कूल
शिक्षा राज्य मंत्री के बयान के बाद फिर से विवाद
शिक्षा राज्य मंत्री ने आरटीई राशि को लेकर दिया था बयान
बयान के बाद अब निजी स्कूलों ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिक्षा मंत्री के गृह जिले लक्ष्मणगढ़ में आंदोलन की दी चेतावनी
28 दिसम्बर से सभी जिला कलेक्ट्रेट पर शुरू होंगे धरने
Updated: 27 Dec 2020, 07:30 PM IST
निजी स्कूलों की ओर से ली जाने वाली फीस को लेकर चल रहा घमासान अभी थमा नहीं हे। हाल ही में शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से आरटीई की राशि को लेकर दिए गए बयान के बाद एक बार फिर निजी स्कूल आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोविड के कारण पिछले 9 माह से स्कूल बंद हैं लेकिन निजी स्कूलों ने फीस भुगतान सहित कई मुद्दों को लेकर आंदोलन किया फिर शिक्षा विभाग के साथ सहमति बनने पर आंदोलन समाप्त कर दिया गया। अब कुछ हफ्तों के बाद एक बार फिर से आरटीई राशि को लेकर घमासान मचता हुआ नजर आ रहा है। निजी स्कूल संचालकों ने इस मुद्दे को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी से भी मुलाकात की, जोशी ने इस प्रकरण को मुख्यमंत्री तक ले जाए जाने का आश्वासन दिया है।
क्लास नहीं हो तो आरटीई का भुगतान नहीं
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार की दो साल की उपलब्धियां गिनाते हुए आर्रटीई के भुगतान को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा था कि जब इस सत्र में आरटीई के तहत क्लास ही नहीं लगी, बच्चा स्कूल पढऩे ही नहीं लगा तो पैसा किस बात का दिया जाएगा। फिर भी यदि केंद्र सरकार मेहरबान होती है तो हम भी देखेंगे।
शिक्षा राज्य मंत्री के गृह जिले में देंगे धरना
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है। समिति की मुख्य समन्वयक हेमलता शर्मा का कहना है कि शिक्षा मंत्री निजी स्कूलों को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। हाल ही में आरटीई को लेकर भी जो बयान दिया है वो निदंनीय है। पहले से ही जहां करीब 800 करोड़ रुपए बकाया हैं तो वहीं 400 करोड़ रुपए इस साल के हैं। अगर शिक्षा विभाग की ओर से आरटीई की राशि का इस साल भुगतान नहीं किया जाता है तो स्कूल आरटीई के तहत पढऩे वाले बच्चों को शिक्षा नहीं देंगे और प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालक अपने शिक्षकों के साथ शिक्षा मंत्री के गृह जिले लक्ष्मणगढ़ में जाकर धरना देंगे और तो और जरूरत होने पर कोर्ट भी जाएंगे।
जिला कलेक्ट्रेट पर धरने की तैयारी
शिक्षा राज्यमंत्री के बयान के विरोध में स्कूल शिक्षा परिवार ने आंदोलन की चेतावनी दी है। परिवार के अध्यक्ष अनिल शर्मा का कहना है कि दो दिवसीय सांकेतिक धरने के बाद भी अगर आरटीई राशि को लेकर समाधान नहीं निकलता है तो स्कूल शिक्षा परिवार ने बड़ा आंदोलन करेगा और 28 दिसंबर से जिला कलेक्ट्रेट पर धरने दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से आरटीई की करीब 800 करोड़ रुपए की राशि बकाया चल रही है तो वहीं सत्र 2020-21 के करीब 400 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। प्रदेश के करीब 50 हजार स्कूलों में पढऩे वाले करीब सवा सात लाख बच्चों की इस बकाया राशि का भुगतान अगर जल्द नहीं किया जाता है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
आरटीई से जुड़े फैक्ट्स
प्रदेश की करीब 50 हजार स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चे
करीब सवा सात लाख बच्चे आरटीई के तहत अध्ययनरत
राशि का 65 फीसदी केन्द्र और 35 फीसदी का भुगतान करता है राज्य
मार्च 2020 तक की राशि का भुगतान कर चुकी है केन्द्र
जबकि अभी भी स्कूलों में 800 करोड़ रुपए का भुगतान चल रहा बकाया
सत्र 2020.21 का करीब 400 करोड़ रुपए का भुगतान भी चल रहा बकाया
30 फीसदी स्कूलों में तीन सालों से नहीं हुआ है आरटीई राशि का भुगतान
तो 20 फीसदी स्कूलों में दो सालों की दूसरी किश्त का भुगतान बकाया
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