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शिक्षा विभाग ने पूर्व मंत्री को दिया ऐसा जवाब कि ‘खानी पड़ी फटकार’

locationजयपुरPublished: Oct 21, 2019 01:39:24 am

Submitted by:

Dinesh Gautam

शिक्षा विभाग education department of rajasthan ने पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी state congress committe के महामंत्री को नागरिक मानने से इनकार कर दिया। विभाग ने नागरिक नहीं होने का हवाला देते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम (right to information) के तहत सूचना देने से इनकार भी कर दिया।

शिक्षा विभाग ने पूर्व मंत्री को दिया ऐसा जवाब कि 'खानी पड़ी फटकार'

शिक्षा विभाग ने पूर्व मंत्री को दिया ऐसा जवाब कि ‘खानी पड़ी फटकार’

जयपुर jaipur latest news शिक्षा विभाग education department of rajasthan ने पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी state congress committe के महामंत्री को नागरिक मानने से इनकार कर दिया। विभाग ने नागरिक नहीं होने का हवाला देते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम (right to information) के तहत सूचना देने से इनकार भी कर दिया। इस पर राजस्थान सूचना आयोग (rajasthan suchna aayog)ने शिक्षा विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए पूर्व मंत्री को निःशुल्क सूचना देने के आदेश दिया। सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने कहा है कि पूर्व मंत्री ने आरटीआई आवेदन में अपने नाम के साथ पद लिख दिया। इस वजह से यह नहीं कहा जा सकता कि वह नागरिक के रूप में सूचना नहीं मांग रहा।
राज्य के पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री ललित भाटी की द्वितीय अपील पर राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने शिक्षा विभाग के रवैये को अफसोस जाहिर किया। आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। आयोग ने कहा कि भाटी ने व्यक्तिगत तौर पर ही एक नागरिक के रुप में सूचना चाही है न कि किसी विधिक व्यक्ति के रुप में। आरटीआई आवेदन में अपने नाम के साथ पूर्व मंत्री परिचय लिख देने से पूर्व मंत्री का सूचना का व्यक्तिगत अधिकार समाप्त नहीं हो जाता। नागरिकों को तकनीकी बिन्दुओं में उलझाकर सूचना देने से इन्कार करना कानून की भावना के अनुरुप नहीं है। आरटीआई कानून शासन-प्रशासन में पारदर्शिता लाने एवं नागरिकों को अधिकारिक तौर पर सूचना सार्वजनिक करने का अस्त्र है। आयोग ने शिक्षा विभाग को कानून की पालना की चेतावनी देते हुए पूर्व मंत्री को सूचनाएं नि:शुल्क देने के निर्देश दिए।

भाटी ने जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, अजमेर से निजी विद्यालयों के निरीक्षण के बारे में सूचनाएं मांगी थी। विभाग ने सूचना का अधिकार कानून की धारा 3 के आरटीआई आवेदन को खारिज कर दिया। विभाग ने कहा कि सूचना केवल नागरिक को ही मिल सकती है जबकि भाटी ने अपने नाम के साथ पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस महामंत्री पद का उल्लेख किया है। इसलिए उन्हें सूचना नहीं दी जा सकती।
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