राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में समावेशित शिक्षा की उपायुक्त ममता यादव ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े संदर्भ व्यक्ति और विशेष शिक्षा के शिक्षक जुलाई और अगस्त में इन विद्यार्थियों के चिन्हिकरण के लिए प्रत्येक स्कूल से डेटा तैयार करेंगे। इनका डेटा श्रेणीवार तैयार किया जाएगा। पहले विकलांगता की सिर्फ 10 ही श्रेणी थी, जो अब राईट आॅफ पसर्न विथ डिसएबिलिटीज एक्ट के तहत 21 हो गई हैं, अब विशेष बच्चों का चिन्हिकरण भी 21 तरह की श्रेणियों में होगा।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के चिन्हिकरण के लिए डाईस फीडिंग की जाएगी, इसी के आधार पर प्रदेशभर के विशेष बच्चों का डेटा तैयार होगा। विभाग ने कार्मिकों को सख्त हिदायत दी है कि कोई भी विशेष बच्चा इस सूची से छूटे नहीं। एक अनुमान के मुताबिक कुल जनसंख्या के करीब 2 प्रतिशत बच्चे विशेष आवश्यकता के संभावित हैं।