तीन माह की फीस दो, तब देंगे टीसी
एक अभिभावक ने बताया कि उनके 2 बच्चे शास्त्रीनगर स्थित एक स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल ने एक बच्चे को कमजोर बताकर निकाल दिया तो उन्होंने दूसरे बच्चे को निकालना चाहा लेकिन स्कूल ने टीसी नहीं दी। स्कूल का कहना था कि पहले नए सत्र की तिमाही और एडमिशन की फीस भरें। तब ही टीसी मिलेगी।
एक अभिभावक ने बताया कि उनके 2 बच्चे शास्त्रीनगर स्थित एक स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल ने एक बच्चे को कमजोर बताकर निकाल दिया तो उन्होंने दूसरे बच्चे को निकालना चाहा लेकिन स्कूल ने टीसी नहीं दी। स्कूल का कहना था कि पहले नए सत्र की तिमाही और एडमिशन की फीस भरें। तब ही टीसी मिलेगी।
बड़ा सवाल : कब जागेगी सरकार सी-स्कीम स्थित एक नामी निजी स्कूल हर साल मोटी फीस बढ़ा रहा है। सरकार की नाक के नीचे स्कूल मनमानी कर रहे हैं। अभिभावक विरोध करते हैं लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। सरकार आखिर कब जागेगी?
– मोहनलाल शर्मा
– मोहनलाल शर्मा
बच्चा शुरू से एक ही स्कूल में पढ़ रहा है लेकिन स्कूल हर साल उसका री-एडमिशन करता है। इसके नाम पर 6 हजार रुपए फीस ली जाती है जबकि बच्चा पास होकर स्वत: अगली क्लास में जाएगा।
– विपिन
– विपिन
वैशालीनगर स्थित निजी स्कूल ने 5200 रुपए फीस बढ़ा दी। इतनी तो तनख्वाह ही नहीं बढ़ती। सरकारी स्कूलों को कमजोर कर रहे हैं ताकि बच्चे निजी स्कूलों में ही पढ़ें।
– रतनलाल सामोता
ओटीएस चौराहा स्थित एक स्कूल 6 महीने की फीस एकसाथ ले रहा है। इस साल 50 हजार से अधिक फीस एकसाथ ली है। सरकार और विभाग, सब हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।
– पंकज जैन
– रतनलाल सामोता
ओटीएस चौराहा स्थित एक स्कूल 6 महीने की फीस एकसाथ ले रहा है। इस साल 50 हजार से अधिक फीस एकसाथ ली है। सरकार और विभाग, सब हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।
– पंकज जैन
सोए हुए हैं जिम्मेदार
अभिभावक पिछले 5-7 वर्षों से आवाज उठा रहे हैं। कई अधिनियम, नियम बन गए मगर लोगों को राहत नहीं मिली। स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने वाला मानो कोई नहीं है। दिनेश कांवट, संयोजक, पेरेंट्स वेल. सोसायटी
कानून बने-बदले, अब लगाम भी कसे सरकार
अभिभावक पिछले 5-7 वर्षों से आवाज उठा रहे हैं। कई अधिनियम, नियम बन गए मगर लोगों को राहत नहीं मिली। स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने वाला मानो कोई नहीं है। दिनेश कांवट, संयोजक, पेरेंट्स वेल. सोसायटी
कानून बने-बदले, अब लगाम भी कसे सरकार
कांग्रेस सरकार ने फीस का दूसरा कानून बनाया, भाजपा सरकार ने बदलकर नया कानून बनाया। सरकारें कानून ही बनाने में लगी हैं और निजी स्कूल लोगों की जेब साफ कर रहे हैं। फीस पर कोई लगाम नहीं है। किसी नियम-अधिनियम से फीस नहीं बढ़ाई जा रही। स्कूल पहले मनमर्जी से फीस बढ़ाते थे, आज भी वैसे ही चल रहा है।
– सुशील शर्मा, राजस्थान अभिभावक संघ
– सुशील शर्मा, राजस्थान अभिभावक संघ