scriptअवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही, विजिलेंस प्रकोष्ठ का होगा पुनर्गठन | Effective action on illegal mining, Vigilance cell will be restructure | Patrika News

अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही, विजिलेंस प्रकोष्ठ का होगा पुनर्गठन

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2020 07:11:49 pm

माइन्स एवं पेट्रोलियम विभाग ( Mines and Petroleum Department ) के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि अवैध खनन ( illegal mining ) पर प्रभावी रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व खान विभाग मिलकर संयुक्त कार्यवाही करेंग, वहीं विभाग के विजिलेंस प्रकोष्ठ का पुनर्गठन कर सेटेलाइट इमेजरी और ड्रोन आदि का उपयोग किया जाएगा। राजसमन्द में पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं। अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही, विजिलेंस प्रकोष्ठ का होगा पुनर्गठन

अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही, विजिलेंस प्रकोष्ठ का होगा पुनर्गठन

जयपुर। माइन्स एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व खान विभाग मिलकर संयुक्त कार्यवाही करेंग, वहीं विभाग के विजिलेंस प्रकोष्ठ का पुनर्गठन कर सेटेलाइट इमेजरी और ड्रोन आदि का उपयोग किया जाएगा। राजसमन्द में पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं। अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समन्वित व योजनावद्ध प्रयासों से खान विभाग की राजस्व आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की है। राज्य की एमसेण्ड नीति जल्दी ही लागू होगी वहीं राज्य सरकार द्वार गठित कमेटी द्वारा नई खनिज नीति के प्रारुप को अंतिम रुप दिया जा रहा है।
एसीएस माइन्स डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अवैध खनने के 3033 प्रकरण दर्ज कर 219 एफआईआर दर्ज कराई गई है और 21 करोड़ रुपए से अधिक की पेनल्टी वसूल की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित राजस्व स्थगन प्रकरणों में सरकार का पक्ष रखते हुए स्थगत हटवाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने बताया कि बजरी खनन पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक के संदर्भ में जल्दी ही सीईसी के समक्ष प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखा जाएगा ताकि अवैध बजरी खनन का स्थाई समाधान हो सके। उन्होंने बताया कि खनिज बजरी के दीर्घकालीक विकल्प के रुप में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लाई जा रही है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू और तेलंगाना में बजरी के विकल्प के रुप में एम-सेण्ड का सफलतापूर्व उपयोग किया जा रहा है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए 110 ठेकों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी है। प्रधान खनिज के जैसलमेर के दो व झुन्झुनू और नागौर के एक-एक कुल चार ब्लॉकों की ई-ऑक्शन की प्रक्रिया शुरु होने में है। उन्होंने बताया कि बंशी पहाडपुर पत्थर में खनन पर अभयारण्य क्षेत्र होने के कारण खनन प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और यह बंशी पहाडपुर अभयारण्य क्षेत्र में आने से केन्द्र से यहां खनन की अनुमति प्रदान करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। राजस्व बढ़ोतरी के प्रयासों की चर्चा करते हुए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कोविड के कारण बुरी तरह से प्रभावित व्यवस्था को पटरी पर लाया गया है और जून, जुलाई और अगस्त में गए साल के इन्ही माहों की तुलना में अधिक राजस्व अर्जित किया गया है। सितंबर 20 में ही सितंबर 19 की तुलना में अब तक 33 प्रतिशत अधिक राजस्व अर्जित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर या नवंबर के मध्य तक राजस्व गत वर्ष के बराबर हो जाएगा, वहीं इस वित्तीय वर्ष में राजस्व अर्जन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जाएगी।
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