सरकार ( Ashok Gehlot government ) ने जिन पुलिस निरीक्षकों को पदोन्नति के लिए उपयुक्त मान कर उप अधीक्षक बनाया है। उनकी पुलिस मुख्यालय ( rajasthan police headquarter Jaipur ) दक्षता परीक्षा लेगा।
सरकार ने जिन्हें किया पदोन्नत, उसकी दक्षता जांचेगा पुलिस महकमा
जयपुर। सरकार ( Ashok Gehlot government ) ने जिन पुलिस निरीक्षकों को पदोन्नति के लिए उपयुक्त मान कर उप अधीक्षक बनाया है। उनकी पुलिस मुख्यालय ( rajasthan police headquarter Jaipur ) दक्षता परीक्षा लेगा। इसके लिए नवपदोन्नत अधिकारियों को 9 सप्ताह का इंडेक्शन कोर्स राजस्थान पुुलिस अकादमी ( Rajasthan Police Academy ) में कराया जा रहा है। कोर्स पूरा होने पर इन अधिकारियों को लिखित परीक्षा से गुजरना होगा। इस परीक्षा में 55 प्रतिशत अंक लाने वाले अधिकारी ही फील्ड पोस्टिंग पाने के हकदार होंगे। उप अधीक्षक स्तर के अधिकारियों ने गृह विभाग को पत्र लिख कर इस परीक्षा पर सवाल भी उठा दिया है।
पुलिस में परीक्षा के आधार पर पदोन्नति हैड कांस्टेबल, सहायक उपनिरीक्षक व उपनिरीक्षक व निरीक्षक पद के लिए ही होती है। इसके बाद निरीक्षक से उप अधीक्षक, उप अधीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा आरपीएस से आइपीएस पद पर पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर मिलती है। गत सरकार ने हैड कांस्टेबल से निरीक्षक स्तर तक भी पचास प्रतिशत पदों पर वरिष्ठता के आधार पर पोदन्नति की व्यवस्था की है। निरीक्षक से उप अधीक्षक पद के लिए होने वाली डीपीसी में आरपीएससी, गृह विभाग के एसीएस व र्कािमक विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं। इसी व्यवस्था के आधार पर वर्ष 2018 में उप अधीक्षक बने 84 अधिकारियों का बैच अभी आरपीए में इंडेक्शन कोर्स कर रहा है।
पुलिस मुख्यालय ने नव पदोन्नत उप अधीक्षक अधिकारियों के लिए इंडेक्शन कोर्स की व्यवस्था गत वर्ष मई में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ओ.पी.गल्होत्रा की ओर से जारी आदेश के तहत की थी। इसमें आईबी व आरएसी के अधिकारियों के लिए 9 सप्ताह तथा सिविल पुलिस के अधिकारियों के लिए 6 सप्ताह के कोर्स की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद अपने सेवानिवृत्ति से पहले पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने जून माह में इस व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए परीक्षा की व्यवस्था और जोड़ दी। इसमें तय किया कि कोर्स के दौरान हर सप्ताह परीक्षा ली जाएगी। प्रत्येक परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे। सभी पेपर का परिणाम 55 प्रतिशत या इससे अधिक रहने पर ही अधिकारी को फील्ड पोस्टिंग के लिए पात्र माना जाएगा। वर्ष 2018 में जारी आदेश के तहत कोर्स करने आरपीए पहुंचे अधिकारियों के लिए परीक्षा अनिवार्य कर दी। इन अधिकारियों ने गृह विभाग को पत्र लिखकर व्यवस्था पर सवाल उठाया है। अधिकारियों का कहना है कि डीपीसी में जिन्हें सरकार ने पात्र माना उनकी दक्षता पर महकमा सवालिया निशान लगा रहा है।
पुलिस एक्ट की नहीं हुई पालना, फिर भी नया आदेश अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर पुलिस एक्ट में मापदंड तय किए हुए हैं। एक्ट में अधिकारियों की पोस्टिंग में राजनीतिक दखल नहीं होने की व्यवस्था है। पुलिस निरीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक की नियुक्ति की व्यवस्था पुुलिस एक्ट 2007 में दी हुई है। हालांकि इसकी पालना किसी भी पद के लिए नहीं की जा रही है।
आरपीएस की तरह आइपीएस के लिए परीक्षा क्यों नहीं पुलिस महकमा छोटे पदों के लिए परीक्षा की व्यवस्था में गम्भीर है, लेकिन बड़े पदों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। तीन वर्ष के दौरान दो आइपीएस सेवा से हटाए गए हैं। इनमें से एक को तो सरकार ने फील्ड पोस्टिंग तो दूर नॉॅन फील्ड पोस्टिंग के लिए भी उपयुक्त नहीं माना। इसके अलावा सरकार ने कई को फील्ड के लिए उपयुक्त नहीं मानते हुए उन्हें पद से हटाया है। आइपीएस राजेन्द्र कुमार को तीन दिन पहले ही चुरू से हटाया गया है।