हमारे यहां साढे 11 लाख वैक्सीन बर्बाद बता दी, जबकि दूसरे राज्यों के केवल प्रतिशत में आंकड़े दिए। सीएम ने कहा कि हमारे अधिकारियों ने केन्द्र के निर्देशों को सही तरीके से फॉलो किया। अभी भारत सरकार और राज्य सरकारों को भी मिलकर काम करना चाहिए। ऐसे वक्त में भेदभाव नजर नहीं आना चाहिए।
जनता हमारी लड़ाई देखती होगी तो क्या सोचती होगी। कई बार नेताओं के सलाहकार गलत सलाह दे देते हैं। सीएम ने रविवार को कोविड वैक्सीनेशन पर आयोजित ओपन संवाद वीसी में बोल रहे थे।
वैक्सीनेशन सहभागिता को लेकर हुए संवाद कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिडला, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सांसदों, विधायकों, धर्मगुरूओं और एनजीओं के प्रतिनिधि भी जुड़े। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमें सोशल वर्कर बनकर काम करना है। एक-दूसरे का सहयोग करना है। सभी मतभेद भूल जाएं। अभी मीडिया को भी सरकार का सहयोग करना चाहिए।
दूसरी लहर से मौतें ज्यादा हुईं
सीएम ने कहा कि ओपन संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में भय का माहौल ज्यादा बना लेकिन मौतें कम हुई। दूसरी लहर में वेव भय गायब हुआ और मौतों का आंकड़ा ज्यादा बढा। सरकारी-गैर सरकारी हर व्यक्ति ने संकट काल में भागीदारी निभाई। गहलोत ने कहा कि राजनीति तो जिन्दगी भर होती रहेगी। हम लोग माइंड नहीं करते, केवल आगाह करते हैं।
हम भारत सरकार को फीडबैक देते हैं तो वह आलोचना नहीं है पर कई बार इसे अन्यथा रुप में ले लिया जाता है, 18 प्लस को टीका लगाना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं था। तो ये केन्द्र को बताना हमारा धर्म था। सुप्रीम कोर्ट तक हम लोगों को जाना पड़ा। ऐसे वक्त में कमियां बतानी चाहिए। नहीं बताएंगे तो कैसे पता चलेगा कि देश क्या सोच रहा है।
सीएम ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट बहुत खतरनाक आया। इसने ब्लैक फंगस जैसी कई दूसरी बीमारियां भी पैदा कर दी। आगे इसका क्या रुप होगा, किसी को नहीं मालूम। अब डेल्टा प्लस वेरिएंट आ गया है। अब तक करीब 700 तरह के म्यूटेंट हो चुके हैं। हमने तीसरी लहर तक की तैयारी कर ली
विधायक कोष का पैसा हैल्थ सेक्टर पर होगा खर्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 से 44 साल के युवाओं के वैक्सीनेशन के लिए पूर्व में विधायक कोष से लिए गए पैसे का इस्तेमाल अब हैल्थ सेक्टर पर ही खर्च किया जाए। फ्री वैक्सीन के लिए राज्य सरकार ने जो पैसा लिया था। उसे फिर से एमएलए फंड में डालने पर विचार करेंगे। लेकिन इसे खर्च करने के लिए प्रोटोकॉल तय करना चाहिए।
हैल्थ वर्कर्स का मनोबल तोड़ाः शर्मा
वहीं ओपन संवाद में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि वैक्सीन बर्बादी को लेकर बे सिर-पैर की बातें की गई। कई राजनेताओं ने कह दिया साढे 11 लाख डोज बर्बाद हो गई। पहले सच्चाई जाननी चाहिए। हैल्थ वर्कर्स का मनोबल तोड़ने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि वेक्सीनेशन का आज तक का इतिहास रहा है कि हमेशा वैक्सी भारत सरकार द्वारा फ्री लगाई जाती है, वेक्सीन की तीन-तीन तरह की कीमत तय कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद प्रधानमंत्री ने फ्री वेक्सीनेशन की घोषणा की। यह पहले हो जाना चाहिए था, भ्रान्तियां नहीं होती, समय बर्बाद नहीं होता। वेक्सीनेशन भी तभी कारगर है जब टाइम बाउंड हो। मास्क की अनिवार्यता का कानून हमने बनाया। सरकार चाहती है भ्रान्तियां दूर कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगे। इसके लिए सभी लोगों को समन्वित प्रयास करने होंगे
कोरोना महामारी का मुकाबला वैक्सीन से ही कर सकते हैंः सीपी जोशी
वैक्सीनेशन को हुए ओपन संवाद में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं की एप्रोच बूथ लेवल तक है। राजनीतिक पार्टियों अपने कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करे। धर्मगुरुओं के माध्यम से जागरुकता लाई जा सकती है। नीचे स्तर तक धर्मगुरुओं के अनुयायी हैं।
इस महामारी का मुकाबला कम वेक्सीन से ही कर सकते हैं। वेक्सीन की लाइफ भी केवल एक साल है। उसके बाद फिर बूस्टर लगवाना होगा। वेक्सीन की उपलब्धता भारत सरकार के हाथ में है। जागरुकता कार्यक्रम को नीचे स्तर तक पहुंचाने की जरुरत है। हैल्थ प्रेरक के तौर पर लोगों को ट्रेनिंग दी जाए, हमें प्रिवेन्टिव मीजर्स लेने की ज्यादा जरुरत है। 18-44 साल आयु वर्ग के केवल 57 लाख लोगों को वैक्सीन लगी है।
डोटासरा ने जताई बच्चों के स्वास्थ्य कि चिंता
वहीं ओपन संवाद में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वेक्सीनेट करने के प्रयास हों। बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी बड़ी चिन्ता है, बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर स्कूल्स कैसे खोलें। इसे लेकर भी मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेंगे।
ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की जा रही है, राज्य सरकार ने बेहतर कोरोना मैनेजमेंट किया, सभी वर्गों का उसमें सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि उम्मीद है सभी सांसद अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे, प्रधानमंत्री तक राजस्थान की बात पहुंचाएंगे। जनता सब कुछ जानती है। माकपा विधायक बलवान पूनियां ने कहा कि वेक्सीनेशन के लिए विधायक कोष के 3 करोड़ रुपए लिए गये थे।
अब चूंकि फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा हो चुकी है। इसलिए एमएलए फंड का पैसा विकास कार्यों के लिए वापस कर दिया जाए। भले ही थोड़ा सा उसमें से रख लें।क्योंकि पहले राज्य सरकार इस पर पैसा खर्च कर चुकी है। सीपीआई के के डी के छंगाणी ने कहा कि निजी हॉस्पिटल्स को भी फ्री वैक्सीनेशन का आदेश देना चाहिए। इन अस्पतालों को बहुत कम कीमत पर जमीनें दी गई हैं। समाज के प्रति थोड़ा बहुत दायित्व उनका भी बनता है।
प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 8 लाख डोज वेक्सीनेशन
इससे पहले ओपन संवाद कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने प्रजेंटेशन देते हुए कहा कि प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 8 लाख डोज वेक्सीनेशन हो चुका है। वैक्सीन वेस्टेज दर एक प्रतिशत से भी कम है। 10 मार्च तक देश में राजस्थान पहले स्थान पर रहा। वैक्सीन की निरन्तर और समय पर पर आपूर्ति में समस्या रही। वैक्सीन की वायल खुलने के बाद 4 घंटे ही उपयोग की जा सकती है। वैक्सीन बर्बादी को लेकर भ्रम फैलाया गया।गांवों में शत प्रतिशत ऑन साइट रजिस्ट्रेशन होंगे। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर टोकन वितरण होगा।