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संसदीय सचिवों की नियुक्तियों में हो सकता है विलंब, विधिक राय ले रही गहलोत सरकार

locationजयपुरPublished: Nov 25, 2021 11:36:03 am

Submitted by:

firoz shaifi

12 से 15 संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला कानूनी पचड़े में न फंसे इसके लिए ली जा रही है विधि विशेषज्ञों की राय,विधि विशेषज्ञों की राय के बाद ही सरकार उठाएगी कोई कदम, मुख्यमंत्री के सलाहकारों के भी लिखित में नहीं हुए आदेश

ashok gehlot

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जयपुर। प्रदेश में मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद 12 से 15 संसदीय सचिव बनाए जाने जाने की कवायद गहलोत सरकार ने पूरी कर ली है। हालांकि संसदीय सचिव बनाए जाने से पहले गहलोत सरकार संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर विधि विशेषज्ञों से विधिक राय ले रही है। विशेषज्ञों से विधिक राय के बाद ही सरकार 12 से 15 साल संसदीय सचिवों की नियुक्ति करेगी। विधिक राय के चलते ही अब माना जा रहा है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति में थोड़ा विलंब हो सकता है।

विधिक राय की एक वजह यह भी
दरअसल विधि विशेषज्ञों से विधिक राय लेने की एक वजह यह भी है कि अगर गहलोत सरकार 12 से 15 संसदीय सचिव नियुक्त करती है तो विपक्ष इस मामले को कोर्ट में चैलेंज कर सकता है, जहां संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला कानूनी पचड़ों में फंसकर रह जाएगा। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला कोर्ट में पहुंचे, इसके लिए गहलोत सरकार पहले विधि विशेषज्ञों से विधिक राय ले रही है और उसके बाद ही कोई फैसला लेगी।

सलाहकारों के भी नहीं हुए लिखित आदेश
इधर मुख्यमंत्री के 6 सलाहकारों की नियुक्ति के भी कानूनी पचड़े में फंसने के चलते लिखित में आदेश अभी तक नहीं हुए हैं और ना ही उन्हें राज्यमंत्री या कैबिनेट का दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष सवाल खड़े करते हुए इसे अवैधानिक करार दे चुका है और माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के सलाहकारों के जैसे ही लिखित में आदेश होंगे, वैसे ही यह मामला भी कोर्ट में पहुंच जाएगा।

इसी आशंका के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी तक अपने 6 सलाहकारों के लिखित में आदेश नहीं किए हैं। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन में शामिल नहीं किए गए 6 विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना सलाहकार नियुक्त किया है, जिन्हें कैबिनेट मंत्री या फिर राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 से 15 संसदीय सचिवों की नियुक्ति भी करना चाहते हैं जिसमें बसपा से कांग्रेस में आए 5 विधायकों और निर्दलीय विधायकों को शामिल किया जाना है।

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