गहलोत सरकार में मंत्री रहे अधिकांश नेता टिकट पाने में सफल रहे हैं। वहीं पार्टी ने एक दर्जन पूर्व सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतार दिया है। पार्टी ने जिन दिग्गज नेताओं को दांव खेला है उनकी सभी की उम्र 68 साल से ऊपर से हैं।
जानकारों की माने तो दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारने के पीछे पार्टी नेताओं का तर्क है कि दिग्गज नेताओं की जमीनी पकड़ मजबूत है, और कार्यकर्ताओं और जनता के बीच लोकप्रिय हैं, ऐसे में उनका टिकट काटकर पार्टी कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती थी। हालांकि पार्टी के आधा दर्जन दिग्गज नेताओं को टिकट नहीं दिए हैं। इन दिग्गज को मिले टिकट परसराम मोरदिया, सीपी जोशी, गिरिजा व्यास, डॉ जितेंद्र सिंह, राजेंद्र पारीक, भरत सिंह, महेंद्र जीत सिंह मालवीय, प्रमोद जैन भाया, शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा, बृजेंद्र ओला, दयाराम परमार, करण सिंह यादव को पर दांव खेला गया है।
इन दिग्गजों को नहीं मिला टिकट पार्टी ने जिन दिग्गजों को टिकट नहीं मिले हैं, उनमें दिग्गज जाट नेता हरेंद्र मिर्धा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ.चंद्रभान,बीडी कल्ला, पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी, संयम लोढ़ा शामिल हैं।हालांकि प्रद्युमनसिंह और चौधरी नारायणसिंह कोभी टिकट नहीं मिला है। चौधरीनारायणसिंह की जगह उनके पुत्र को टिकट दिया गया है।