अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी जोगाराम ने बताया कि कोई भी संस्था, दल या व्यक्ति ऐसा करता है तो वह उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में शामिल होगा। भारत संचार निगम लिमिटेड मुख्य महाप्रबंधक, रिलायंस टेलीकम्यूनिकेशन, टाटा इण्डिकॉम, वोडाफोन, एयरटेल और एयरसेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बारे में निर्देश दिए हैं। प्रचार-प्रसार पर रोक को लेकर निर्वाचन आयोग ने 15 अप्रेल 2004 को निर्देश जारी किए थे।
निर्वाचन विभाग को हाल ही शिकायतें मिली हैं कि टेलीफोन और मोबाइल फोन से विज्ञापन आमजन के बीच करना शुरू कर दिया गया है। रिंगटोन-कॉलर टोन के माध्यम से भी प्रचार शुरू हो चुका है। ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने को लेकर विभाग ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को कहा है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक यदि राजनीतिक दल, उम्मीदवार या फिर और कोई नियम उल्लंघन करता है तो मतदाता चुनाव आयोग के भी -विजिल मोबाइल एप के जरिए शिकायत दर्ज करा सकेंगे। टोल फ्री नंबर 1950 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।